अमरनाथ यात्रियों का जिक्र कर जम्मू-कश्मीर के डिप्टी CM का बड़ा बयान, ‘अगली बार आएंगे तो स्वागत…’

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार, 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पवित्र गुफा की ओर रवाना किया। यह 38 दिवसीय यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और कश्मीर घाटी में दो मुख्य मार्गों से चलेगी – पहलगाम और बालटाल।

इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने यात्रा को लेकर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अमरनाथ यात्रियों का स्वागत केंद्र शासित प्रदेश में नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर राज्य में किया जाएगा।

“दिल में थोड़ी ठेस है कि ये अब राज्य नहीं रहा” – सुरिंदर चौधरी

डिप्टी सीएम चौधरी ने कहा, “ये वही जम्मू-कश्मीर है जो कभी पूरा राज्य हुआ करता था। आज जब हम तीर्थयात्रियों का स्वागत कर रहे हैं, तो एक केंद्रशासित प्रदेश में कर रहे हैं, इस बात से थोड़ा दिल दुखता है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमें सुनने में आया कि LG साहब ने आज भोलेनाथ से विशेष प्रार्थना की कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिले। शायद इसी वजह से यात्रा की शुरुआत थोड़ी देर से हुई। हम भी बाबा भोले से यही प्रार्थना करते हैं कि राज्य का दर्जा बहाल हो और यहां के लोगों की भावनाओं का सम्मान हो।”

सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता, सभी इंतजाम पूरे – डिप्टी सीएम

चौधरी ने भरोसा दिलाया कि सुरक्षा बल और प्रशासन तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा, “यात्रा से जुड़े हर मोर्चे पर पुख्ता इंतजाम हैं – सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा आदि सभी क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है। कोई लापरवाही नहीं होगी।”

“जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती – भाईचारा और मेहमाननवाज़ी”

डिप्टी सीएम ने अमरनाथ यात्रा को जम्मू-कश्मीर की गंगा-जमुनी तहज़ीब और भाईचारे का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “बनिहाल में आज हर समुदाय – हिंदू, मुस्लिम, सिख – तीर्थयात्रियों का खुले दिल से स्वागत कर रहा है। यही असली जम्मू-कश्मीर है, जहां मेहमानों को घर जैसा अपनापन मिलता है।”

“गोले-बारूद से डरने वाले नहीं हैं कश्मीरी लोग”

अपने बयान में चौधरी ने जम्मू-कश्मीर की जनता की हिम्मत और देशभक्ति को सलाम करते हुए कहा, “हम बारूद से डरने वाले लोग नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर की जनता देश की सुरक्षा में आगे रहती है। ये सीमावर्ती राज्य है और यहां के लोग हर हालात में देश के साथ खड़े रहते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि, “हमारे लिए ये यात्रा केवल धार्मिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। यात्रियों को यह महसूस होना चाहिए कि वे अपने ही घर आए हैं।”

लोकल ट्रांसपोर्ट पर प्रतिबंध को लेकर जताई चिंता

बनिहाल क्षेत्र में लोकल ट्रांसपोर्ट पर लगे प्रतिबंध पर चौधरी ने कहा, “स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे को उठाया है। मैं खुद इसे मुख्यमंत्री के सामने रखूंगा ताकि इसका हल निकाला जा सके। तीर्थयात्रा के दौरान आम जनता, विद्यार्थियों, मरीजों को कोई परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।”