कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर पार्टी में घमासान छिड़ गया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 1984 के सिख दंगों के आरोपी कमलनाथ को पार्टी में लेने से सिख समाज के बीच गलत संदेश जाएगा। इसका दिल्ली और पंजाब सहित अनेक राज्यों में नुकसान हो सकता है। पार्टी के सिख नेताओं का दावा है कि उन्होंने पार्टी के उचित फोरम पर अपनी बात उठा दी है और कमलनाथ को पार्टी में लेने पर अपनी असहमति दर्ज कराई है। पार्टी में यह घमासान ऐसे समय में छिड़ा है जब कांग्रेस नेता कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनावों में 370 सीटें लाने के लिए कमर कस लेने की बात कह रहे हैं।
पार्टी के सिख नेताओं का कहना है कि अब तक वे अपने समुदाय के लोगों से यही कहकर वोट मांगते आए हैं कि भाजपा उन्हें न्याय दिलवाएगी। कमलनाथ जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार के साथ उन कांग्रेस नेताओं में शामिल रहे हैं जो 1984 के सिख दंगों के दौरान दंगाइयों का नेतृत्व कर रहे थे। इन दंगों में 3500 से ज्यादा सिखों की हत्या की गई थी। कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को इन्हीं दंगों में शामिल होने के मामले में सजा हो चुकी है तो जगदीश टाइटलर अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
कमलनाथ अब तक साक्ष्यों-गवाहों के अभाव में बचे हुए हैं, लेकिन भाजपा नेता सिख दंगों की जांच को दोबारा खुलवाने और न्याय दिलाने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में भाजपा नेताओं का कहना है कि कमलनाथ को पार्टी में लेने से नकारात्मक संदेश जाएगा जिससे बचा जाना चाहिए।