जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव की भी तैयारियां जोरों शोरों पर सामने आने लगी हैं।
लोकसभा चुनाव में लोगों की रिकार्ड भागीदारी से उत्साहित चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करते हुए गैर मान्यता प्राप्त दलों से चुनाव चिह्न के आबंटन के लिए आवेदन मांगे हैं।
चुनाव कराने का अंतिम निर्णय लेने से पहले आयोग अगले कुछ दिनों में केंद्रीय गृह मंत्रालय और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक बैठक में जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेगा। इसके बाद ही विधानसभा चुनाव को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार विधानसभा चुनाव वर्ष 2014 में हुए थे और उसके बाद यहां सत्ता संभालने वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार जून 2018 में गिर गई थी। उसके बाद से जम्मू-कश्मीर में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है और उपराज्यपाल के हाथ में शासन-प्रशासन की डोर है। विभिन्न राजनीतिक दल प्रदेश में जल्द विधानसभा चुनाव कराने और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
चुनाव चिह्न के आबंटन के लिए आवेदन मांगे
हाल ही में लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के सभी पांच संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में बीते 35 वर्ष के दौरान अब तक का सबसे ज्यादा 58.46 प्रतिशत मतदान हुआ है। पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान शांति व सौहार्द का वातावरण बना रहा। इससे उत्साहित होकर चुनाव आयोग ने अब विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया को शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त दलों से चुनाव चिह्न के आबंटन के लिए आवेदन मांगे हैं।
प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 की समाप्ति से पहले विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। चुनाव आयोग चाहता है