जम्मू में बाढ़ जैसी स्थिति: 3500 से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाए गए, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों का संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन

जम्मू, 26 अगस्त (शिल्पा शर्मा )

लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते जम्मू जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवकों ने संयुक्त रूप से रेस्क्यू अभियान चलाकर 3500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।

जिला प्रशासन ने बताया कि सबसे पहले संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्राथमिकता दी गई। सुरक्षित स्थलों पर अस्थायी राहत शिविरों में भोजन, स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

आरएसपुरा में बलूल क्षेत्र से 85 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

परगवाल के हमीरपुर कोना और गांव गुजराल से 347 लोगों को जम्मू और अखनूर क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया।

जम्मू नॉर्थ में नई बस्ती और लोअर मुठी से 160 लोगों को सुरक्षित निकालकर कैलाश रिसॉर्ट, मुठी में ठहराया गया, जहाँ लंगर की व्यवस्था की गई है।

नगरोटा में 100 लोगों कोल कंडोली मंदिर में शरण दी गई और राजमार्गों से मलबा हटाकर आपातकालीन सेवाओं के लिए रास्ते बहाल किए जा रहे हैं।

सुचेतगढ़ में बदयाल कजियां और तिब्बा बैंस में मकान गिरने से फँसे 15 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

इंद्रा नगर और बलोल क्षेत्रों से 150 लोगों को स्थानांतरित कर बृज नगर भेजा गया।

सित्रीयाला से 45 लोगों को सुरक्षित निकालकर सीएचसी जोड़ियां में राहत शिविर बनाया गया।

सतवारी में 300 लोगों को एचएसएस सतवारी में शरण दी गई, जहाँ सामुदायिक रसोई से भोजन और पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

खौड़ और परगवाल क्षेत्रों में इंद्रि, मान चक, बकोर, हमीरपुर कोना और गज्राल से 500 से अधिक लोगों को निकाला गया। खौर में 48 लोगों को गवर्नमेंट हाई स्कूल गर्खल और 50 को कम्युनिटी हॉल गरर्खाल में ठहराया गया है।

प्रशासन ने युथ हॉस्टल जम्मू समेत कई स्थानों पर राहत शिविर स्थापित किए हैं। मुठी और सतवारी में सामुदायिक रसोई चल रही है, जबकि सभी प्रमुख राहत शिविरों में स्वास्थ्य टीमें तैनात हैं। बिजली, पानी और सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दी जा रही है।

जिला उपायुक्त डॉ. राकेश मिन्हास ने कहा कि प्रशासन का पूरा प्रयास लोगों की जान बचाना और प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत पहुँचाना है। उन्होंने बताया कि हालात पर लगातार नज़र रखी जा रही है और समय-समय पर अपडेट दिए जाएंगे।

डीसी ने इस अभियान में जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और समाजसेवी स्वयंसेवकों की सराहना करते हुए कहा कि जनसहयोग से ही बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाला जा सका और किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।