केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेम के मामले में सख्त रुख अपनाने का फैसला लिया है। इसका मुख्य कारण है कि कुछ गेमिंग ऐप्स बच्चों और युवाओं को नकारात्मक प्रभाव में डाल रही हैं और उनके विकास पर असाधारण प्रभाव डाल सकती हैं।
सरकार द्वारा जारी की जा सकने वाली नई गाइडलाइन के तहत, तीन तरह के ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। पहले, सट्टेबाजी वाले गेम को प्रतिबंधित किया जा सकता है, क्योंकि इसका खेलना और प्रोत्साहन करना गैरकानूनी हो सकता है। दूसरे, लोगों को लत बनाने वाले गेम्स को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है, जो उन्हें लंबे समय तक गेमिंग में लगे रहने के लिए प्रेरित करते हैं। तीसरे, देश की सुरक्षा और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले ऑनलाइन गेमिंग ऐप को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है।
#WATCH | For the first time we have prepared a framework regarding online gaming, in that we will not allow 3 types of games in the country. Games that involve betting or can be harmful to the user and that involves a factor of addiction will be banned in the country: Union… pic.twitter.com/XUdeHQM2ho
— ANI (@ANI) June 12, 2023
ऑनलाइन गेमिंग के लत के मामले में बच्चों के लिए सरकार द्वारा समय सीमा तय की जा सकती है। इसके तहत, बच्चों को एक दिन में अधिकतम 3 से 4 घंटे ही गेमिंग करने की अनुमति होगी। इसका मकसद उनके स्वास्थ्य और विकास की देखभाल करना है।
इससे पहले भी पबजी मोबाइल ऐप को भारत सरकार ने प्रतिबंधित किया था, क्योंकि इसका खेलना देश की सुरक्षा और अखंडता को नुकसान पहुंचा सकता था। भारत में गेमिंग का मार्केट बड़ा है और साल 2022 तक इसकी मात्रा 135 अरब रुपये थी, जो साल 2025 तक 231 अरब रुपये तक बढ़ सकती है।
ऑनलाइन गेमिंग के लत से नुकसान के मामले में हाल ही में एक खबर सामने आई थी, जिसमें एक बच्ची ने अपनी मां के अकाउंट से 52 लाख रुपये की राशि ऑनलाइन गेमिंग में खर्च कर दी थी। इस तरह के मामले चीन में भी आम बात हैं, और भारत में भी कुछ मामले सामने आए हैं, जहां बच्चे अपने माता-पिता के अकाउंट से धन का उपयोग करते हुए बड़ी रकमें खर्च कर देते हैं।
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