दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है, ये बात तो आपने कई दफा सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं पेट और दिमाग का भी बहुत तगड़ा कनेक्शन है। पेट से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या सीधा आपके मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। मनुष्य के पेट और ब्रेन के बीच का जो रिश्ता है, वह वाकई आश्चर्यजनक है। पेट को अक्सर ‘दूसरा ब्रेन’ कहा जाता है, जिसमें छोटे जीवों की एक सक्रिय समुदाय होता है, जिसे गट माइक्रोबायोम कहा जाता है। ये हमारे शरीर की कई तरह से मदद करते हैं, जैसे कि हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना और जरूरी पोषक तत्व बनाना। क्या आप जानते हैं कि ये अपने ब्रेन से बातचीत भी करते हैं?
डॉ. कपिल शर्मा, निदेशक – पेट रोग विज्ञान और मुख्य – एंडोस्कोपी, पेट रोग विज्ञान, सर्वोदय अस्पताल, फरीदाबाद बताते हैं कि, ‘पेट यह ब्रेन के बीच बातचीत ‘पेट-ब्रेन फ्लैग’ के माध्यम से होती है। इसमें हमारे पेट और ब्रेन के बीच कम्युनिकेशन होता है। जिसमें तनाव की एंट्री से यह कम्युनिकेशन बिगड़ जाता है। सिर्फ तनाव ही नहीं वो सभी चीजें इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं जिनकी वजह से गट हेल्थ प्रभावित होता है। इसमें अल्कोहल से लेकर बासी भोजन, लेट नाइट स्नैकिंग, जंक, प्रोसेस्ड फूड का सेवन और तो और डाइटिंग भी शामिल है। इन सबसे पेट से जुड़ी समस्याएं शुरु हो जाती हैं जो आपके दिमाग पर असर डालने लगती हैं। हेल्दी व बैलेंस डाइट, एक्सरसाइज और तनाव से दूरी बनाकर आप पेट और ब्रेन के रिलेशनशिप को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद कर सकते हें।’
भारत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अब लोग बात करने लगे हैं, तो आपको भी इसकी आवश्यकता समझनी होगी। ध्यान दें जिस तरह से पेट से जुडी दिक्कतों ब्रेन पर असर डालती हैं, ठीक वैसे ही किसी भी तरह की मानसिक परेशानी का भी सबसे पहला असर गट हेल्थ पर ही पड़ता है।