हापुड़ के बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव नानई में दो पक्षों के बीच हुए विवाद में घायल युवती के उपचार के दौरान सिर में टांके भरते समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों ने सुई जख्म मे ही छोड़ दी। परेशान हाल युवती को निजी चिकित्सक के यहां ले जाया गया। जहां सुई निकालने के बाद उसे राहत मिली।
गांव नानई में मामूली कहासुनी में एक ही समुदाय के दो पक्षों के बीच 27 सितंबर की शाम विवाद हो गया था। जिसमें सियाकत खां की बेटी सितारा सिर में डंडा लगने से गंभीर रूप से घायल हुई। मौके पर पहुंची पुलिस ने सितारा को उपचार और चिकित्सीय परीक्षण के लिए गढ़ सीएचसी में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक और स्टाफ ने सिर में टांके लगाते हुए दवाएं देकर उसे घर भेज दिया, लेकिन उपचार के बाद युवती का दर्द अधिक बढ़ गया, जो दर्द से कराहने लगी। जिस कारण परिजन उसे डहरा कुटी पर निजी चिकित्सक के यहां उपचार के लिए ले गए।
चिकित्सक ने जब घाव खोल कर जांच की तो उसमें टांके भरने वाली सुई मिली, जो युवती के दर्द का कारण बनी हुई थी। चिकित्सक ने सुई निकाली, तब जाकर युवती को राहत मिल सकी। सियाकत खां का कहना है कि सीएचसी में उपचार के दौरान बरती गई लापरवाही का यह नतीजा रहा है।