नीट यूजी पेपर लीक केस में सीबीआई ने बुधवार काे पटना एम्स के चार मेडिकल स्टूडेंट को हिरासत में लिया है। इनमें से तीन को पहले हिरासत में लिया गया था। एक मेडिकल स्टूडेंट आज खुद सीबीआई के सवालों का जवाब देने पहुंचा है। इन चारों के लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त कर लिए गए हैं। इन पेपर लीक केस में संलिप्त होने का आरोप है। तीनों डॉक्टर 2021 बैच के स्टूडेंट हैं। इनके हॉस्टल के कमरे को भी सील कर दिया गया है। इस मामले में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल का कहना है कि पटना एम्म के किसी डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सीबीआई टीम तीन छात्रों को अपने साथ ले गई है। इस दौरान एक छात्र हॉस्टल में नहीं था। बाद में उसने सीबीआई कार्यालय गया। हमें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार कुल चार छात्र सीबीआई के पास हैं। डॉ. गोपाल कृष्ण पाल ने बताया कि सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले नीट यूजी केस में शामिल सभी आरोपी छात्रों के नाम उनकी तस्वीरों और मोबाइल नंबर के साथ साझा किया था। सीबीआई की टीम लगातार हमारे संपर्क में थी। हम अपनी ओर से सहयोग करना जारी रखेंगे। हम छात्रों की संलिप्तता के बारे में नहीं जानते हैं। उनकी संलिप्तता इस केस में है या नहीं? क्या वह दोषी हैं? यह हमें पता नहीं। यह सब सीबीआई बताएगी। जांच में सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा। आरोपी छात्रों की पहचान चंदन सिंह, राहुल आनंद, करण जैन और कुमार शानू के रूप में हुई है। चंदन सीवान, कुमार शानू पटना, राहुल धनबाद और करण जैन अररिया के रहने वाले हैं। सीबीआई ने तीन छात्रों के कमरे को सील कर दिया था। इसके बाद एक अन्य छात्र की जानकारी मिलने पर हमने इनका भी कमरा सील कर दिया। बता दें कि सीबीआई ने इस केस में दो दिन पहले ही नीट के पेपर को चुराने के आरोप में पंकज कुमार को पटना से गिरफ्तार किया था। वहीं इसके साथी राजू को हजारीबाग से पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि पंकज और राजू से पूछताछ के आधार पर सीबीआई को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। बताया जा रहा है कि पंकज कुमार ने ही एनटीए द्वारा भेजे एनटीए के प्रश्न पत्र को चुराया था। इसके बाद इसी पेपर को आगे भेजा गया था। यही पेपर वायरल हुआ था। पंकज मूल रूप से बोकारो का रहने वाला है। वहीं राजू सिंह पंकज का ही साथी है। नेट पेपर लीक केस में इसने भी अहम भूमिका निभाई थी। दोनों की तलाश सीबीआई को काफी दिनों से थी। नीट यूजी पेपरलीक केस में सीबीआई ने अब तक लगभग 57 गिरफ्तारियों के साथ छह एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से 12 केंद्रीय एजेंसी द्वारा की गईं, जबकि शेष विभिन्न राज्य पुलिस बलों द्वारा की गईं। अब तक 22 लोगों को जमानत मिल चुकी है। सीबीआई ने कुछ दिन पहले ही राकेश उर्फ रॉकी को गिरफ्तार किया थ। अब सीबीआई पेपरलीक केस के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की तलाश कर रही है।