नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंत्री परिषद की बैठक में मंत्रियों को कुछ न बोलने की हिदायत दी है, जबकि उन्होंने सनातन धर्म (Sanatana Dharma) विवाद पर उचित जवाब देने की भी शर्त रखी। इस बार के बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों से कहा कि अधिकृत व्यक्ति के अलावा कोई भी मंत्री जी-20 की बैठक पर न बोले।
इस बैठक के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने इसके अलावा बस पूल का इस्तेमाल करने की विशेष हिदायत भी दी है। उन्होंने कहा कि 9 सितंबर को आयोजित रात्रिभोज में हिस्सा लेने वाले मंत्री अपनी गाड़ियों से संसद भवन परिसर पहुंचे और बसों में बैठकर वेन्यू तक जाएंगे।
रात्रिभोज के लिए मंत्रियों और मुख्यमंत्री को संसद भवन परिसर में शाम 5:50 तक पहुंचना होगा और 6:30 बजे तक वेन्यू पहुंच जाना होगा।
यहां तक कि, दिल्ली में 9 से 10 सितंबर तक दुनिया के बड़े गर्मी सम्मेलन जी-20 का आयोजन हो रहा है, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित कई देशों के नेता भाग लेंगे।
इस सम्मेलन के आयोजन के संदर्भ में, विपक्षी दलों और केंद्र सरकार के बीच एक निमंत्रण पत्र को लेकर भी विवाद उधृत हुआ है। इस पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के तौर पर संबोधित किया गया है, जिसका विपक्ष द्वारा आपत्ति जताई गई है।
विपक्ष ने दावा किया है कि केंद्र सरकार विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से डरकर देश का नाम बदलने में जुटी है।
सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन ने दिया था बयान, जिसने विवाद को और भी तेज़ किया था।
उद्योगपति स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की बात कही थी।
इस बार के बैठक में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई हिदायतों के बाद, जी-20 सम्मेलन की तैयारियों में भारत की ओर से मान्यता मिली है।
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