जब बच्चा स्कूल पहुंचेगा तो उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। यदि स्कूल जानबूझकर इसकी उपेक्षा करता है या बच्चे को किसी प्रकार का मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना स्कूल में होती है तो इसे बाल न्याय अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा होने पर स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बच्चों की सुरक्षा के प्रति सख्त हुआ शिक्षा मंत्रालय
यह दिशानिर्देश शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जारी किए हैं जिनका अनुपालन सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को करना होगा। शिक्षा निदेशालय जम्मू ने भी इन दिशानिर्देशों पर अमल करने के निर्देश सभी स्कूलों को दे दिए हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बात जब बच्चों की सुरक्षा की आएगी तो लापरवाही को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। इसका उद्देश्य स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए जवाबदेही तय करना है। इतना ही नहीं अगर स्कूल में पहुंचने के बाद या स्कूल ट्रांसपोर्ट में स्कूल आते या घर वापसी पर भी बच्चे के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदारी भी स्कूल प्रबंधन की ही मानी जाएगी।