बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर, दक्ष और रोजगारोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से एक नई और महत्वाकांक्षी योजना “मुख्यमंत्री-प्रतिज्ञा योजना” (CM Promotion of Readiness, Awareness and Technical Insights for Guiding Youth Advancement) की शुरुआत की है। इस योजना को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और इसे ‘7 निश्चय-2’ कार्यक्रम के अंतर्गत लागू किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री-प्रतिज्ञा योजना का मकसद है राज्य के युवाओं को एडवांस स्किल्स सिखाना, रोजगार क्षमता को बेहतर बनाना, नेतृत्व विकास को बढ़ावा देना और कैरियर में उन्नति के अवसर प्रदान करना। यह योजना 2025-26 से 2030-31 तक लागू रहेगी और इस दौरान एक लाख युवाओं को इंटर्नशिप और स्किल ट्रेनिंग के अवसर दिए जाएंगे।
वित्तीय सहायता
योजना के अंतर्गत चयनित युवाओं को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार मासिक सहायता राशि दी जाएगी:
12वीं पास युवाओं को ₹4,000 प्रति माह
ITI या डिप्लोमा धारकों को ₹5,000 प्रति माह
स्नातक या स्नातकोत्तर पास युवाओं को ₹6,000 प्रति माह
युवाओं को मिलेगा नेतृत्व और नेटवर्किंग का अवसर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि यह योजना न सिर्फ युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें नेतृत्व विकास और सशक्त नेटवर्किंग के अवसर भी प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य है कि युवा भविष्य में रोजगार की तलाश में भटकने के बजाय खुद को सशक्त और सक्षम बना सकें।
बेरोजगारी से निपटने की दिशा में बड़ा कदम
बिहार में लंबे समय से बेरोजगारी एक गंभीर समस्या रही है, जिससे निपटने के लिए बड़ी संख्या में युवा राज्य से बाहर पलायन करने को मजबूर होते हैं। मुख्यमंत्री-प्रतिज्ञा योजना के जरिए सरकार इसी चुनौती का समाधान करना चाहती है और युवाओं को उनके राज्य में ही रोजगार और विकास के अवसर उपलब्ध कराना चाहती है।
आर्थिक मजबूती की ओर कदम
राज्य सरकार ने इस योजना के लिए आवश्यक बजटीय प्रावधान को मंजूरी दे दी है। सरकार का कहना है कि यह योजना न सिर्फ युवाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी, बल्कि बिहार की अर्थव्यवस्था को भी गति देगी। यह पहल राज्य के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो उनके भविष्य को नई दिशा देगी।
निष्कर्ष: मुख्यमंत्री-प्रतिज्ञा योजना बिहार के युवाओं के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर आई है। यह न केवल उनके कौशल को निखारेगी, बल्कि उन्हें अपने राज्य में ही सम्मानजनक और योग्य रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी।