भारतीय रिजर्व बैंक ने बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा लिमिट को बढ़ा दिया है, जिससे शहरी सहकारी बैंकों में खुशियां मनाई जा रही हैं। इसके साथ ही, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को पॉलिसी बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए यह ऐलान किया कि शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के तहत बुलेट रीपेमेंट स्कीम के अंतर्गत गोल्ड लोन की मौजूदा लिमिट को 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है।
इस स्कीम के अंतर्गत, कर्ज लेने वाले व्यक्ति को प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज का भुगतान करना होता है, लेकिन ब्याज का आकलन महीने-महीने किया जाता है। इस तरह, इसे बुलेट रीपेमेंट स्कीम के नाम से जाना जाता है।
इस स्कीम के तहत, बैंकों को ब्याज सहित लोन अमाउंट पर 75% का लोन-टू-प्राइस रेश्यो बनाए रखना होता है। केंद्रीय बैंक ने 2017 में एक सर्कुलर में यह घोषणा की थी कि ब्याज का आकलन मंथली बेस पर किया जाएगा, लेकिन पेमेंट मंजूरी की तारीख से 12 महीने के अंत में प्रिंसिपल अमाउंट के साथ ही ब्याज का भुगतान किया जाएगा। लोन की अवधि 12 महीने से अधिक नहीं होती है।
आरबीआई एमपीसी ने अक्टूबर साइकिल में पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे वर्तमान में आरबीआई रेपो रेट 6.5% है।
इसके अलावा, आरबीआई ने वित्त वर्ष की महंगाई के अनुमान को बढ़ा दिया है और पूरे वित्त वर्ष के दौरान महंगाई के अनुमान को 5.4% किया है। इकोनॉमी के मोर्चे पर आरबीआई ने इकोनॉमिक ग्रोथ में कोई बदलाव नहीं किया है और वर्तमान में देश की जीडीपी ग्रोथ को 6.5% रखा है, जबकि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रोथ को 6.6% दर्ज किया गया है।