मध्य प्रदेश के रीवा जिले में दबंगों द्वारा दो महिलाओं को जिंदा दफनाने का मामला सामने आया है। ये महिलाएं निजी जमीन पर जबरन सड़क निर्माण का विरोध कर रही थीं। हालांकि समय रहते दोनों महिलाओं को बाहर निकाल लिया गया है। तीन लोगों पार मामला दर्ज कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि घटना रीवा जिले के मनगवां थाना क्षेत्र के गगेव चौकी अंतर्गत हिनौता जोरौट गांव की है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस नेता ने भी इसे शेयर कर सवाल उठाए हैं। बता दें कि निजी जमीन पर सड़क बनाने की कोशिश की जा रही थी। इसी बात का आशा पाण्डेय और ममता पाण्डेय सहित अन्य महिलाएं विरोध कर रहे थीं। जैसे ही सड़क पर मुरम डालने के लिए डंपर आगे बढ़ा, तो महिलाएं उसके पीछे खड़ी हो गईं। उसी दौरान डम्पर चालक ने मुरम से भरी ट्रॉली इन महिलाओं के ऊपर खोल दी और महिलाएं मुरम के नीचे दब गईं। ग्रामीणों की मदद से मुरम में दबी महिलाओं को बाहर निकाला गया। मुरम से निकलने में थोड़ी भी देरी होती तो महिलाओं की मौत हो सकती थी।
एएसपी विवेक लाल ने बताया कि मामला सामने आया है। सड़क निर्माण का महिलाएं विरोध कर रही थीं। उसी दौरान मुरम में दब गईं। थाने में शिकायत दर्ज की गई है। इस पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जानकारी सामने आई है कि तीन लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
मामले में कांग्रेस हमलावर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि रीवा ज़िले की इस घटना ने एक बार फिर भाजपा शासन की महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं! वैसे भी मध्य प्रदेश महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर है! सीएम मोहन यादवजी, रीवा के मनगवां की इन बहनों को मुरम में दबाया गया और उनकी जान लेने की कोशिश की गई! क्या आपकी सरकार से यह बहनें उम्मीद रख सकती हैं कि इस घटना की निष्पक्ष एवं त्वरित जांच होगी और उन्हें प्राथमिकता से न्याय मिलेगा? खैर आपकी सरकार महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में बार-बार असफल हो रही है! अरुण यादव ने कहा कि रीवा जिले के मनगंवा थाना क्षेत्र के ग्राम हिनोता का दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया है। जहां महिलाओं द्वारा अपनी जमीन पर सड़क बनाने का विरोध किया तो दबंगों ने महिलाओं को मुरम के नीचे दबाकर जिंदा दफनाने का प्रयास किया। भाजपा सरकार में माफियाओं का बोलबाला है, दलित, आदिवासी, महिलाओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है