मोतियाबिंद, जिसे Cataract भी कहा जाता है, आंखों से जुड़ी एक आम समस्या है। इसकी वजह से अक्सर आंखों के नेचुरल लेंस पर धुंधलापन हो जाता है। यह एक गंभीर समस्या इसलिए है, क्योंकि यह दुनिया खासकर भारत में बचपन में अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, मोतियाबिंद बच्चों में विजन लॉस में अमह योगदान देता है। ऐसे में समय रहते इसकी पहचान कर सही इलाज करना जरूरी है।
ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे बच्चों में मोतियाबिंद के शुरुआती लक्षणों के बारे में, जिससे आप समय रहते इसकी पहचान कर अपने बच्चों को किसी गंभीर परिणाम से बचा सकते हैं। आइए जानते हैं बच्चों में मोतियाबिंद के कुछ वॉर्निंग साइन्स-
कम रोशनी में देखने में कठिनाई
अगर आपके बच्चों को कम रोशनी में देखने में परेशानी हो रही है, तो यह मोतियाबिंद का संकेत हो सकता है। इसकी वजह से आपके बच्चों को बेडटाइम रीडिंग और कम रोशनी वाली जगहों में खेलने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे में अपने बच्चों में नजर आने वाले इन लक्षणों पर गौर करें और इन्हें नजरअंदाज करने से बचें।
ब्लर विजन
ब्लर विजन मोतियाबिंद का सबसे प्रमुख लक्षण है। मोतियाबिंद की वजह से जैसे ही आंख का लेंस अपारदर्शी हो जाता है, तो यह रोशनी के मार्ग को ब्लॉक कर देता है, जिससे साफ दिखना कम हो जाता है। अगर आपके बच्चे भी ब्लर विजन का अनुभव कर रहे हैं, तो यह मोतियाबिंद की शुरुआत हो सकती है।
रोशनी के प्रति के संवेदनशीलता
मोतियाबिंद होने पर बच्चे अक्सर प्रकाश के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं, जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता है। इसकी वजह से तेज रोशनी असुविधाजनक और कभी-कभी दर्दनाक हो सकती है, जिससे बच्चे भेंगापन महसूस करते हैं या रोशनी से दूर हो जाते हैं।
आंखों में सफेद-भूरे रंग का धब्बा
बच्चों में मोतियाबिंद के स्पष्ट लक्षणों में से एक आंखों की पुतली में ध्यान देने योग्य सफेद-भूरे रंग का धब्बा है। यह शारीरिक बदलाव अक्सर माता-पिता या देखभाल करने वाले लोग पता लगा सकते हैं और इसके लिए तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।
खराब आई कॉन्टैक्ट
मोतियाबिंद होने पर शिशु और छोटे बच्चे अपनी कमजोर विजन के कारण आई कॉन्टैक्ट करने से बच सकते हैं। जुड़ाव की इस कमी को अन्य विकासात्मक मुद्दों के रूप में देखा जा सकता है। अगर आपके बच्चे में भी आपको यह संकेत नजर आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।