भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत की जी20 समूह की अध्यक्षता ने विश्व मंच पर ‘अमिट छाप’ छोड़ी है और इसके बाद नई दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) को आम सहमति बनाना दुनिया में विश्वास की कमी को पाटने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। इससे यह साबित होता है कि भारत ग्लोबल स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और उसका अध्यक्षता करने का कौशल दिखाने में सक्षम है।
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है और उन्हें ‘विश्व गुरु’ और ‘विश्व बंधु’ के रूप में माना है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने ग्लोबल स्तर पर अपनी साकारात्मक प्रतिष्ठा को बढ़ावा दिया है और दुनिया के समस्याओं का समाधान निकालने में भागीदारी की है।
रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया पर इस महत्वपूर्ण समूह के सफल समापन की ख़बर साझा की है और इसे भारत के विश्वास को मजबूती देने वाला कदम माना है।
जी20 घोषणापत्र में यूक्रेन युद्ध और अन्य मामलों के समाधान के लिए आम सहमति का बयान शामिल है, जिससे विभिन्न देशों के बीच सहयोग और समर्थन का माहौल बना है। भारत ने इस घोषणापत्र के माध्यम से अपनी दिप्लोमेसी और विदेश नीति के मामलों में अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ावा दिया है और दुनिया के महत्वपूर्ण गतिविधियों में भागीदारी की दिशा में कदम बढ़ाया है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने भारत के और अरब प्रायद्वीप के बीच आर्थिक सहयोग की शुरुआत को बताया है, जिससे दोनों क्षेत्रों के बीच गहरा संबंध बढ़ेंगे। यह एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता देता है क्योंकि यह दोनों क्षेत्रों के बीच सहयोग और व्यापारिक संबंधों को प्रोत्साहित कर सकता है।
अफ्रीकी संघ को जी20 समूह की स्थायी सदस्यता दिलाने की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण माना गया है, जिससे अफ्रीकी संघ के साथ भारत के बीच सहयोग को और भी मजबूती मिलेगी। इससे भारत के और अफ्रीका के बीच साकारात्मक संबंध बढ़ सकते हैं और विकास के क्षेत्र में सहयोग का दिशा में कदम बढ़ सकता है।
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