भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक बड़ी बैठक 17 अगस्त को होने जा रही है। इस दौरान पार्टी के सदस्यता अभियान को अंतिम रूप दिया जाएगा। नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से पहले यह अभियान पूरा किया जाएगा। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न राज्यों में पार्टी संगठन के प्रभारी महासचिव और प्रदेशों के अध्यक्ष भी शामिल होंगे। लंबे समय से चर्चा है कि अध्यक्ष के औपचारिक चुनाव पहले भाजपा एक कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है।नए अध्यक्ष की नियुक्ति की संभावना
मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था। इसके बाद से ही पार्टी की ‘एक व्यक्ति एक पद’ की परंपरा के तहत उनकी जगह किसी और को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद नड्डा को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया था। इससे साफ हो गया था कि उन्हें तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के स्थान पर नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि, इस बार नए अध्यक्ष को लेकर अभी कुछ स्पष्टता नहीं है। नड्डा को पहली बार जून 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्हें औपचारिक रूप से जनवरी 2020 में अध्यक्ष चुना गया था। भाजपा के अध्यक्ष पारंपरिक रूप से आम सहमति से चुने जाते रहे हैं। भाजपा संगठनात्मक चुनावों की तैयारी में है। इसमें बूथों, मंडलों, जिलों और राज्यों में नई समितियों के गठन को शामिल किया जाना शामिल है। वहीं, पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ बात करने में भी जुटी हुई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा शाह और नड्डा सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को आरएसएस के पदाधिकारियों से मुलाकात की। आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित कुछ अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी इस बैठक में मौजूद थे। भाजपा अध्यक्ष के चयन में आरएसएस की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती रही है।