इस समय मौसम ही नहीं लोकसभा चुनावों को लेकर देश की सियासत भी गर्म है। जिसे कांग्रेस के घोषणापत्र ने और भी बढ़ा दिया है। लोकसभा चुनावों के लिए देश की सबसे पुरानी पार्टी ने शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। इसे ‘न्याय पत्र’ नाम दिया गया है। 48 पन्ने के इस न्याय पत्र में तमाम वर्गों और क्षेत्रों के लिए न्याय के 10 स्तंभों जोर दिया गया है। वहीं, भाजपा ने इसका विरोध किया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि ये झूठ का पुलिंदा है।
न्याय पत्र की खामियों को उजागर करते हुए भाजपा के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इसमें न्यूयॉर्क और थाईलैंड की तस्वीरों को शामिल किया गया है। यह दिखाता है कि वे कितने गंभीर हैं। भाजपा नेता ने कहा कि वे अपने चुनावी वादों को तैयार करने में गंभीर नहीं हैं यह सवाल खडे करता है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अतीत में कथित रूप से अन्याय के बावजूद इसे “न्याय पत्र” नाम दिया थ
इस दौरान उन्होंने भारतीय इतिहास को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान की भी आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र और कांग्रेस नेताओं के दावों को झूठ बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने यह कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई तब भारत में एक सुई भी नहीं बनती थी। यह बिल्कुल झूठ है। नेहरू के युग से पहले की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर जोर देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि 1930 में
इस दौरान उन्होंने भारतीय इतिहास को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान की भी आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र और कांग्रेस नेताओं के दावों को झूठ बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने यह कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई तब भारत में एक सुई भी नहीं बनती थी। यह बिल्कुल झूठ है। नेहरू के युग से पहले की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर जोर देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि 1930 में सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार दिया गया था। इतना ही नहीं, भारतीय विज्ञान संस्थान की शुरुआत 1909 में की गई। लेकिन वे इसे नहीं मानेंगे। उनके मुताबिक, भारत में जो भी कुछ हुआ सब नेहरू के सत्ता में आने के बाद हुआ।