राहुल गांधी की इस हरकत ने प्रणब मुखर्जी को किया था नाराज

बता देंं कि शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता और भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर एक किताब लिखी है। इस किताब का नाम प्रणब, माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स’ (Pranab My Father: A Daughter Remembers) है। इस किताब का सोमवार (11 दिसंबर) को विमोचन किया गया। बुक लॉन्चिंग के मौके पर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस किताब पर अपनी खुलकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने प्रणब मुखर्जी के जिंदगी से जुड़ी कई घटनाओं को याद किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि मेरे पिता के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी क्या सोचते थे वो तो वही दोनों जानते हैं, लेकिन जहां तक मेरे पिता की बात थी। उन्होंने अपने नोट्स में लिखा था कि राजीव गांधी ये सोचते थे कि प्रणब मुखर्जी एक सख्त और अडिग व्यक्ति (टफ नट्स) हैं, जो आंख मूंदकर कोई बात नहीं मान सकते हैं। शायद इसी वजह से उन्हें राजीव गांधी ने कैबिनेट से मेरे पिता को हटा दिया। इसके साथ ही राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने से नाराज थे प्रणब मुखर्जी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी द्वारा साल 2013 में फाड़े गए अध्यादेश के कॉपी का भी जिक्र किया। 27 सितंबर 2013 को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने एक प्रस्तावित सरकारी अध्यादेश को ‘पूरी तरह बकवास’ बताते हुए कहा था कि उसे फाड़ दिया जाना चाहिए।
बाद उन्होंने अध्यादेश की कॉपी फाड़ दी थी। इस घटना से प्रणब मुखर्जी काफी नाराज हो गए थे। शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता भी प्रस्तावित अध्यादेश के विरोध में थे,लेकिन उन्हें लगा कि इस पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए।शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता कहा करते थे कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ उनका कार्यकाल उनके राजनीतिक जीवन का ‘स्वर्णिम काल’ था। इंदिरा गांधी के साथ अपने संबंधों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेरे पिता कहा करते थे कि इंदिरा गांधी का काल उनके राजनीतिक जीवन का स्वर्णिम काल था। इंदिराजी बाबा पर नजर रखती थीं। अगर कोई एक व्यक्ति था जिसके साथ मेरे पिता की वफादारी थी, तो वह था इंदिरा गांधी थीं और कोई नहीं। कांग्रेस शासन के दौरान मुखर्जी के पास प्रमुख विभाग थे। उनके पास रक्षा, विदेश मामले और वित्त का प्रभार था। शर्मिष्ठा से जब पूछा गया कि क्या मुखर्जी राष्ट्रपति पद के लिए पहली पसंद हैं। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि वह पहली पसंद थे, दूसरी पसंद थे या तीसरी पसंद थे। लेकिन बाबा की डायरी से मुझे पता चला कि श्रीमती गांधी श्री हामिद अंसारी जी को राष्ट्रपति बनाने की संभावना और जीतने की संभावना तलाश रही थीं।”

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