दमोह रेलवे स्टेशन परिसर में 40 लाख रुपए की लागत से बन रही आरपीएफ थाने की नई बिल्डिंग का काम पिछले दो साल से अधूरा पड़ा है। ठेकेदार की डेढ़ साल पहले हुई मौत के बाद से नई एजेंसी तय नहीं हो पाई, जिससे थाने के विस्तार का काम अटक गया है। इस नए आधुनिक थाने में कैमरा कक्ष, महिला जेल, पूछताछ केंद्र, बैठक रूम और कवर्ड एरिया को बढ़ाया जाना था, लेकिन पिलर स्तर तक काम होने के बाद आगे का काम रुक गया है। दमोह रेलवे स्टेशन के विकास कार्य और सौंदर्याकरण तेजी से चल रहा है, लेकिन आरपीएफ थाना और सिंग्नल कक्ष का काम रुका पड़ा है। पहले 40 लाख रुपए की लागत से आरपीएफ थाना तैयार होना था। मंगत वाधवा नाम के ठेकेदार ने आरपीएफ थाना और सिंग्नल कक्ष बनाने का ठेका लिया था। लेकिन, उनकी मौत के बाद काम इनका काम रुक गया। वर्तमान में केवल रेलवे स्टेशन गेट के सामने काम चल रहा है। इसके बाद आरपीएफ थाना के भवन को डिस्मेंटल कर उसे सर्कुलेटिंग एरिया में अधिकारियों के क्वार्टर के पास नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा, मेन गेट में चौराहे की ओर से एंट्री को बंद करते हुए रोड चौड़ीकरण, गेट बनाकर यात्रियों के आवागमन और वाहनों की आवाजाही के लिए रास्ता बनाने का प्रस्ताव है।