4 राज्यों की पांच सीटों में कांग्रेस, बीजेपी और टीएमसी 1-1 सीट पर आगे चल रही है वहीं आम आदमी पार्टी 2 सीटों पर आगे चल रही है.
नई दिल्ली:
चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों की गिनती आज सुबह शुरू हो चुकी है. केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और गुजरात में 19 जून को हुए मतदान के बाद सभी की नजरें इन सीटों पर टिकी हैं. चुनाव आयोग के आधिकारिक रुझानों के अनुसार, केरल की नीलांबुर सीट पर यूडीएफ-कांग्रेस के उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने पहले दौर की मतगणना में सीपीएम के एम. स्वराज पर 1419 वोटों की बढ़त बना ली है. वहीं, पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार ने बढ़त हासिल की है.
पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट से टीएमसी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. गुजरात की कादी से बीजेपी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया शुरुआती रुझान में आगे थे अब एक बार फिर वो पीछे चले गए हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक, 19 जून को केरल की नीलांबुर सीट पर उपचुनाव में 75.27 प्रतिशत वोट पड़े. पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर 73.36 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले. गुजरात की विसावदर सीट पर 56.89 प्रतिशत और कडी सीट पर 57.91 प्रतिशत मतदान हुआ. पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर 51.33 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
गुजरात की कडी सीट विधायक करसन सोलंकी के निधन के बाद खाली हुई, जबकि विसावदर में आप विधायक भूपेंद्र भयानी ने इस्तीफा दिया था. केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट विधायक पीवी अनवर के इस्तीफे के बाद खाली हुई. पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट से विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी का निधन हुआ था, जिससे उपचुनाव की स्थिति बनी. इसी तरह कालीगंज सीट विधायक नसरुद्दीन अहमद के निधन के बाद खाली हुई थी.
सभी 5 विधानसभा चुनावों पर उपचुनावों को लेकर 26 मई को अधिसूचना जारी हुई थी. इसके बाद 2 जून तक नॉमिनेशन दाखिल करने की प्रक्रिया चली. उम्मीदवारों के लिए नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 5 जून थी.
इन उपचुनावों से चुनाव आयोग ने नई पहल शुरू की. पहली बार मतदाताओं के लिए मोबाइल डिपॉजिट सुविधा की शुरुआत की गई. मोबाइल लेकर मतदान केंद्र पर जाने की मनाही के बावजूद कुछ लोग फोन लेकर चले जाते थे, खासकर जो ऑफिस या काम पर निकलते समय वोट डालने की इच्छा रखते थे.
इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने देश में उपचुनावों से मोबाइल डिपॉजिट सेंटर की शुरुआत की, जो मतदान के समय वोटिंग बूथों पर बनाए थे. वॉलंटियर्स की निगरानी में वोटर्स यहां मतदान केंद्र के बाहर अपने मोबाइल सेफ्टी के साथ रख सकते हैं.