विक्रमादित्य सिंह बोले- विचारधारा पर कांग्रेस आलाकमान की चिंताओं को दूर कर दिया है

हिमाचल प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को कहा कि उन्होंने रेहड़ी-फड़ी(स्ट्रीट वेंडर्स) के मुद्दे पर अपनी हालिया टिप्पणी के बाद विचारधारा को लेकर कांग्रेस आलाकमान की चिंताओं को दूर कर दिया है। उन्होंने इस धारणा को गलत धारणा करार दिया कि उनके राज्य में उत्तर प्रदेश मॉडल का अनुसरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से गठित बहुदलीय समिति 3 अक्तूबर को स्ट्रीट वेंडिंग से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा करेगी। सिंह का यह बयान कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की ओर से स्ट्रीट वेंडर्स द्वारा नाम प्रदर्शित करने को अनिवार्य करने संबंधी उनकी टिप्पणी को लेकर उन्हें फटकार लगाने के एक दिन बाद आया है। हाईकमान की ओर से उनसे कहा गया था कि किसी को भी पार्टी की नीतियों और विचारधाराओं के खिलाफ जाने की इजाजत नहीं है। इस टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच कांग्रेस महासचिव एवं संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को विक्रमादित्य सिंह के साथ बैठक की, जिसमें मंत्री को बताया गया कि पार्टी राहुल गांधी के नफरत से प्यार से लड़ने के मंत्र में विश्वास करती है।

पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में सिंह ने कहा कि जमीनी स्तर पर कोई विवाद नहीं है और यह सब मीडिया द्वारा निर्मित मुद्दा है, जिसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। विक्रमादित्य ने कहा, ‘मैंने वेणुगोपाल को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया और विचारधारा को लेकर उनकी चिंताओं को दूर किया तथा उन्हें आश्वस्त किया कि हम पार्टी के समर्पित और निष्ठावान सिपाही हैं तथा पार्टी लाइन के विरुद्ध कुछ भी नहीं करेंगे। लेकिन साथ ही मैंने उनसे यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले डेढ़ महीने से पहले मस्जिद का मुद्दा और दूसरे विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। साथ ही कानून, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और शहरी आजीविका पर हमारे 2016 के कानून के मद्देनजर इसका क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। वेणुगोपाल से कहा कि राज्य सरकार को आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ अच्छा माहौल भी बनाए रखना है। कोई भी व्यक्ति कहीं से भी राज्य में आ सकता है।

हिमाचल भारत का एक अद्भुत हिस्सा है, कोई भी हिमाचली किसी भी अन्य राज्य में जा सकता है और इसी तरह कोई भी वहां आ सकता है। लेकिन जो स्ट्रीट वेंडिंग हो रही है, उसकी पहचान और सत्यापन नियमों के अनुसार किया जाना चाहिए, जिसके लिए मैंने कहा है कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश हैं। इसलिए, विक्रेताओं का पंजीकरण किया जाना चाहिए क्योंकि अगर कोई अप्रिय गतिविधि होती है, कोई कानून और व्यवस्था की स्थिति होती है या स्थानीय चिंताएं होती हैं, तो रिकॉर्ड, चाहे वह आधार कार्ड हो या जीएसटी नंबर, अधिकारियों के पास होना चाहिए। मैंने उन्हें (वेणुगोपाल को) पूरा भरोसा दिलाया है कि हिमाचल प्रदेश में सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार अच्छा काम कर रही है। मैंने इस मामले को विधानसभा में भी रखा था। स्पीकर ने सर्वदलीय समिति बनाई है और इस पर चर्चा की जाएगी और इस बात पर चर्चा की जाएगी कि वेंडिंग कैसे की जाएगी। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि वेंडिंग जोन का सीमांकन किया जाए और सत्यापन किया जाए।’

 हिमाचल प्रदेश में उत्तर प्रदेश मॉडल का अनुसरण किए जाने के दावे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘मीडिया में इसे गलत परिप्रेक्ष्य में पेश किया गया और गलत तरीके से उत्तर प्रदेश से जोड़ा गया। यूपी का नजरिया अलग है, यह उनका अपना कानून था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। हिमाचल प्रदेश का नजरिया अलग है और यहां पहले से ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देश हैं और कानून मौजूद है, इसलिए हमें उसे तय समय सीमा में लागू करना होगा।’ यूपी मॉडल का पालन गलत धारणा थी जिसे मीडिया ने पेश किया। इसका संज्ञान आलाकमान ने लिया। उन्हें इस बारे में भी चिंता थी, जिसे उन्होंने व्यक्त किया और हमने कांग्रेस हाईकमान के समक्ष तथ्य और आंकड़े रखकर उन्हें आश्वस्त किया। हाईकमान के निर्देशों का अक्षरशः पालन करना हमारी जिम्मेदारी है। हम उससे पीछे हटने वाले नहीं हैं। लेकिन साथ ही, लोगों की जो चिंताएं हैं, जो अपेक्षाएं हैं, हमने उनसे हाईकमान को अवगत करा दिया है।’ गाैरतलब है कि  सड़क विक्रेताओं द्वारा नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य करने संबंधी विक्रमादित्य  की घोषणा पर आलोचना का सामना कर रही हिमाचल सरकार ने गुरुवार को कहा था कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इससे पहले बुधवार को विक्रमादित्य ने संवाददाताओं को बताया था कि सड़क विक्रेताओं, विशेष रूप से खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए, अपनी दुकानों पर अपना पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।