श्रीनगर श्रम न्यायालय में याचिकाकर्ताओं को अनुचित देरी का करना पड़ रहा सामना

श्रीनगर, 26 दिसंबर : श्रीनगर के बटमालू में श्रम न्यायालय में हजारों मामले अनसुलझे हैं, जिससे कई कर्मचारी निराश हैं और लंबी देरी के बोझ तले दबे हुए हैं।

याचिकाकर्ताओं का दावा है कि न्याय के लिए लंबे इंतजार ने उनके जीवन और आजीविका पर काफी प्रभाव डाला है, सुनवाई बिना समाधान के बार-बार स्थगित की जा रही है।

देरी का कारण क्षेत्रीय उप श्रम आयुक्त पर भारी कार्यभार बताया जा रहा है, जिनके पास वर्तमान में कई अतिरिक्त जिम्मेदारियां हैं।

कर्मियों का आरोप है कि ये अतिरिक्त आरोप उन्हें अदालत को पर्याप्त समय देने से रोकते हैं।

कुछ याचिकाकर्ताओं ने कहा कि लगातार महीने-दर-महीने सुनवाई टलना निराशाजनक है।

उन्होंने कहा कि मामलों में देरी से न्याय का इंतजार कर रहे लोगों पर भावनात्मक और वित्तीय प्रभाव पड़ता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा, “सिस्टम की अक्षमता श्रम न्यायालय के मूल उद्देश्य को कमजोर करती है, जिसे श्रमिकों को समय पर न्याय प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था।”

उन्होंने अधिकारियों से क्षेत्रीय उप श्रम आयुक्त को उनके अतिरिक्त कर्तव्यों से मुक्त करने का आग्रह किया, जिससे वह केवल लंबित मामलों को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित कर सकें।