यूपी के चुनाव में सपा व कांग्रेस गठबंधन जहां मुस्लिम-यादव मतों को अपनी ताकत मान रही है। वहीं अमेठी सीट से केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति इरानी के तीसरी बार सोमवार को होने वाले नामांकन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को बुलाकर वाई फैक्टर साधने की कोशिश भाजपा के रणनीतिकाराें ने की है।
अमेठी में मुस्लिम, ब्राह्मण, क्षत्रिय के बाद सबसे अधिक एक लाख 85 हजार के करीब यादव मतदाता ही हैं। सीएम मोहन यादव के अमेठी आने के पहले ही भाजपा यहां के यादव बाहुल्य गांवों में उनका संदेश इंटरनेट मीडिया के माध्यम से घर-घर पहुंचाने की कोशिश में लगी है। स्मृति के नामांकन के सहारे बड़े वोट बैंक को साधने की भाजपा की रणनीति पर अमेठी से दिलीप सिंह की रिपोर्ट –
हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधान सभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधान सभा क्षेत्र में सुलतानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं। अगर जातिगत आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे अधिक 48 हजार के करीब यादव मतदाता अमेठी विधानसभा क्षेत्र में हैं।
जगदीशपुर में 37 हजार के करीब तो गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र में इनकी संख्या 35 हजार से अधिक है। सलोन में साढ़े 36 हजार व तिलोई में 27 हजार के करीब यादव मतदाता हैं। जिन्हें भाजपा के पक्ष में लाने की रणनीति के तहत भाजपा एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव को स्मृति के नामांकन में जोर-शोर से बुलाया गया है। इससे पहले 2019 में हुए आम चुनाव के नामांकन में स्मृति के साथ रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रथ पर सवार थे। उसका लाभ भाजपा व स्मृति को मिला था।
अमेठी सीट से लगातार तीसरी बार नामांकन करने वाली पहली नेता होंगी स्मृति
अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार उम्मीदवार बनाई गई केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति इरानी सोमवार को नामांकन करेंगी। इसी के साथ वह भाजपा के टिकट पर लगातार तीसरी बार नामांकन करने वाली पार्टी की पहली उम्मीदवार बन जाएंगी। इतना ही नहीं महिला उम्मीदवार के रूप में लगातार तीसरी बार अमेठी के चुनावी रण में उतरने का रिकार्ड भी स्मृति के नाम हो गया है।