हम सभी इंसान हैं और इंसान होने के नाते हम अकसर अपनी भावनाएं व्यक्त करते रहते हैं। हंसना-रोना, दुख-सुख सभी विभिन्न भावनाएं हैं, जो अलग-अलग समय पर सामने आती हैं। गुस्सा भी हमारी ऐसी ही एक भावना, जो अकसर किसी चीज विरोध या असहमति के रूप में सामने आता है। यह न सिर्फ एक असहज भावना है, बल्कि बहुत अधिक समय तक गुस्से में रहने से आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ सकता है। बार-बार गुस्सा करने से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकते हैं। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, तो अकसर छोटी-छोटी बातों में गुस्सा करते हैं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे गुस्से के सेहत पर होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में-
पाचन क्रिया बिगाड़े
कई शोध से यह पता चलता है कि आपका मस्तिष्क और आंत निरंतर संचार में रहते हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। हमारे ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम की एक भूमिका पाचन को रेगुलेट करने में मदद करना है। लेकिन जब शरीर फ्लाइट या फाइट मोड में चला जाता है, तो यह परेशान हो सकता है, जैसा कि तनाव की प्रतिक्रिया में हो सकता है और इससे पाचन प्रभाविक होता है।
नींद में खलल डालें
जो लोग अपने गुस्से पर काबू पाने में संघर्ष करते हैं या अकसर गुस्सा महसूस करते हैं, तो उन्हें खराब नींद का अनुभव होता है। एक अध्ययन में गुस्से और नींद की गड़बड़ी के बीच संबंध को देखा गया। आसान शब्दों में कहे तो ऐसे जो गुस्सा ज्यादा करते हैं, उन्हें अकसर सुकून से सोने में परेशानी होती है।
दिल के लिए हानिकारक
गुस्सा करने से शरीर स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है, जो समय के साथ आपके दिल की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। शोध से पता चलता है कि गुस्से की वजह से हार्ट में परिवर्तन होता है, जिससे मांसपेशियों की खून पंप करने की क्षमता खराब हो जाती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और बाद में हार्ट डिजीज, दिल का दौरा, स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित करें
गुस्से की स्थिति में रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि एंग्जायटी और ड्रिप्रेशन जैसे भावनात्मक विकारों में गुस्सा अक्सर बढ़ जाता है और यह बदतर लक्षणों के साथ आपकी मानसिक सेहत को बुरी तरह प्रभावित करता है।
हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाए
कुछ सबूत बताते हैं कि गुस्सा खासतौर पर हार्ट अटैक के हाई रिस्क से जुड़ी हुआ है। एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि गुस्सा फूटने के बाद दो घंटे के अंदर दिल के दौरे में दो गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई। साथ ही क्रोध की बढ़ती तीव्रता के साथ यह खतरा बढ़ता गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक इससे पता चलता है कि ज्यादा तेज गुस्सा वास्तव में आपके दिल के लिए बदतर है।