अनंतनाग-राजोरी सीट पर दिलचस्प रहेगा मुकाबला, बीस प्रत्याशी मैदान में

जम्मू-कश्मीर की पांच संसदीय सीटों में से चार पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो चुका है, अब ध्यान परिमीन में नई बनाई गई अनंतनाग-राजोरी सीट पर है। इस संसदीय क्षेत्र में एक महीने के अंतराल में चार आतंकवादी हमले हो चुके हैं। पीर पंजाल के पहाड़ों में फैले इस निर्वाचन क्षेत्र में पहले सात मई को चुनाव था लेकिन बर्फबारी के चलते मुगल रोड बंद होने पर प्रचार के समय के चलते तिथि को 25 तक बढ़ा दिया गया। नए बने इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनके भाग्य का फैसला 8.99 लाख महिला और 81,000 से अधिक पहली बार मतदान करने वालों सहित 18.30 लाख से अधिक मतदाता करेंगे। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती वीआईपी उम्मीदवार हैं।

 

2,338 मतदान केंद्र, 2,113 ग्रामीण और 225 शहरी

चुनाव कार्यलय के अनुसार अनंतनाग-राजोरी निर्वाचन क्षेत्र में 2,338 मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं। इनमें से 2,113 ग्रामीण और 225 शहरी क्षेत्रों में हैं। चुनाव प्रचार 23 मई की शाम को थम जाएगी। चुनाव वाले जिलों में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि रिकॉर्डतोड़ मतदान का रुझान जारी रहेगा।

राजोरी-पुंछ में फिर से आतंकवादियों के सक्रिय होने से यहां सुरक्षा व्यवस्था मुख्य चुनौती रहेगी। 22 अप्रैल को राजोरी के शाहदरा इलाके में कुंडा टॉप पर आतंकी हमले में सरकारी कर्मचारी मोहम्मद रजाक की मौत हो गई थी जबकि 4 मई को पुंछ के सुरनकोट इलाके में सनाई टॉप की ओर जा रहे भारतीय वायुसेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया था जिसमें एक सैनिक बलिदान हो गया था व चार अन्य घायल हो गए थे।

राजोरी पुंछ के चप्पे चप्पे पर तैनात किए गए सुरक्षाकर्मी

अनंतनाग राजोरी सीट पर 25 मई को चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में कराने के लिहाज से सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। जिसका कारण पिछले दो वर्ष से इन दोनों जिलों में बड़ी आतंकी वारदातें हैं। सुरक्षाबलों से लेकर आम नागरिकों तक पर आतंकियों ने हमले किए हैं। दोनों जिलों में 20 से 25 आतंकी अब भी सक्रिय हैं, जो चुनाव में खलल डालने की फिराक में हैं। इसे देखते हुए दोनों जिलों के चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती अभी से कर दी गई है। बड़े स्तर पर इन दोनों जिलों के दूर दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। दोनों जिलों में करीब 1600 मतदान केंद्र अतिसंवेदशील बनाए गए हैं। जिन पर बड़े स्तर पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों जिलों में 25 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को मतदान ड्यूटी के लिए लगाया गया है। ताकि लोग बिना किसी डर के मतदान करने निकलें।