अमरनाथ तीर्थयात्रियों  के लिए इस बार है यह पुख्ता इंतजाम जानिए क्या रहेगा खास

लंबे समय से अमरनाथ यात्रा का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं का इंतजार अब खत्म होने वाला है! । श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा पर श्रद्धालु बिना भय के पूरी करें। उन्हें खुद की सुरक्षा को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। ‘त्रिनेत्र’ प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा सुनिश्चित बनाएगा। इस रणनीति के तहत सेना, पुलिस और केंद्रीय अर्धसैन्यबलों के लगभग 30 हजार जवान पूरे यात्रा मार्ग की निगरानी और सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे।

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सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और खोजी कुत्ते भी सुरक्षा चक्र को अभेद्य बनाने में सहयोग करेंगे। बालटाल-पवित्र गुफा और पहलगाम-पवित्र गुफा मार्ग को 15 जून तक सुरक्षाबल अपनी निगरानी और कब्जे में ले लेंगे। श्री अमरेश्वर धाम, जिसे श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा से पुकारा जाता है, की इस बार वार्षिक तीर्थयात्रा 29 जून को शुरू हो रही है। यह यात्रा 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी।

हर वर्ष लाखों तीर्थयात्री आते हैं

दक्षिण कश्मीर में समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरेश्वर धाम में भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। इस वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए हर वर्ष लाखों तीर्थयात्री आते हैं। आतंकियों और अलगाववादियों की आंख में यह तीर्थयात्रा कांटे की तरह चुभती रही है और इसलिए वह हमेशा इसे नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र रचते हैं। कश्मीर में बहाल होती शांति, सुरक्षा एवं विश्वास के वातावरण को ठेस पहुंचाने के लिए आतंकियों द्वारा तीर्थयात्रा को निशाना बनाए जाने की आशंका है।

सूत्रों के अनुसार सुरक्षित, शांत एवं विश्वासपूर्ण वातावरण में तीर्थयात्रा कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय लगातार प्रदेश प्रशासन व संबंधित सुरक्षा एजेंसियां के साथ समन्वय बनाए है। यात्रा के लिए एक प्रभावी सुरक्षा रणनीति तैयार की गई है, जिसे त्रिनेत्र नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे यात्रा मार्ग को आतंकी खतरे के आधार के आकलन पर अलग-अलग वर्गों में बांटकर सुरक्षाबलों की तैनाती होगी।

सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारी सीआरपीएफ के पास रहेगी। सीआरपीएफ का एक दस्ता जम्मू से पहलगाम और बालटाल आधार शिविर तक श्रद्धालुओं के वाहनों के साथ चलेगा।

 

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