पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने भी क्षेत्र में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है। अमेरिका ने पश्चिम एशिया में और युद्धक जहाज और लड़ाकू विमान तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिका का यह फैसला ऐसे वक्त आया है, जब ईरान ने इस्राइल पर हमले की धमकी दी है और दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। वहीं हिजबुल्ला भी अपने कमांडर की मौत के बाद से इस्राइल पर हमले की फिराक में है। अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन की उप-सचिव सबरीना सिंह ने एक बयान में कहा कि ‘रक्षा विभाग लगातार ऐसे कदम उठाता रहेगा, जिससे ईरान और ईरान के सहयोगियों द्वारा क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने की संभावना को कम किया जा सके।’ उन्होंने कहा कि ‘7 अक्तूबर के हमास के हमले के बाद से रक्षा सचिव ने बार-बार कहा है कि अमेरिका पश्चिम एशिया में अपने हितों की सुरक्षा करेगा और साथ ही इस्राइल की सुरक्षा का अपना पक्का वादा भी निभाएगा।’
पेंटागन ने पश्चिम एशिया में मौजूद अपने युद्धपोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेने के लिए अपने युद्धपोत यूएसएस अब्राहम लिंकन को भेजा है। यह युद्धपोत के साथ ही लड़ाकू विमानों से युक्त स्ट्राइक ग्रुप भी पश्चिम एशिया भेजा गया है। साथ ही अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बैलिस्टिक मिसाइल से लैस क्रूजर और विध्वंसक जहाज भी यूरोपीय कमांड के अंतर्गत पश्चिम एशिया भेजने का आदेश दिया है। साथ ही लड़ाकू विमानों की एक स्कवॉड्रन भी भेजी जा रही है। गौरतलब है कि बीते दिनों इस्राइल के गोलन हाइट्स वाले इलाके में हुए एक रॉकेट हमले में 12 इस्राइली किशोरों और बच्चों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में हाल ही में इस्राइल ने बेरूत में हमला कर हिजबुल्ला के कमांडर फौद शुक्र को ढेर कर दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद ईरान में एक इमारत को निशाना बनाकर किए गए हमले में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया की मौत हो गई थी। इसका आरोप भी इस्राइल पर लगा है। इस घटना के बाद ईरान ने इस्राइल को हमले की धमकी दी है। वहीं हिजबुल्ला भी बदला लेने की फिराक में है। यही वजह है कि पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ा हुआ है और इस्राइल हमास युद्ध के अब पूरे क्षेत्र में फैलने का खतरा पैदा हो गया है।