अमेरिकी संसद में हुआ नेतन्याहू का विरोध, फलस्तीनी मूल की अमेरिकी सांसद ने ‘युद्ध अपराधी’ लिखी तख्ती दिखाई

हमास और इस्राइल बीते नौ महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर देशभर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस बीच इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने बुधवार को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। हालांकि, इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। नेतन्याहू की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हजारों प्रदर्शनकारियों ने कैपिटल बिल्डिंग के आसपास मार्च किया। वहीं, फलस्तीनी मूल की अमेरिकी सांसद राशिदा तलैब ने संसद में इस्राइली पीएम के भाषण के दौरान विरोध जताया। उन्होंने ‘युद्ध अपराधी’ और ‘नरसंहार का दोषी’ वाली तख्ती दिखाकर विरोध जताया।  गाजा में इस्राइल के हमलों की आलोचक रहीं तलैब का फलस्तीनी हानी अलमाधुन ने भी साथ दिया। तलैब ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘आज मेरे साथ चैंबर में हानी अलमाधुन भी मौजूद रहे। उन्होंने जंग में अपने परिवार के 150 से अधिक सदस्यों को खो दिया है। अपनी बहन को पशुओं का चारा खाने के लिए मजबूर होता देख अलमाधुन और उनके परिवार ने भूखे पड़ोसियों का पेट भरने के लिए सूप रसोई शुरू की।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं सच बोलने से पीछे कभी नहीं हटूंगी। इस्राइली सरकार फलस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार कर रही है। फलस्तीनियों को मिटाया नहीं जा सकेगा।’

कैपिटल के बाहर हजारों प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने कुछ को मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल कर वापस लौटाया। नेतन्याहू के बोलने से पहले प्रतिनिधि सभा के अंदर छह प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि कुछ सांसदों ने इस्राइली पीएम का खड़े होकर स्वागत किया। वहीं कुछ ने इस पूरे मामले में दूरी बनाना ही सही समझा। वहीं, अमेरिका के नौ सीनेटरों के साथ ही दर्जनों हाउस सदस्यों ने नेतन्याहू के संबोधन का बहिष्कार करने का एलान किया है, उन्होंने गाजा में इस्राइल की कार्रवाई को नेतन्याहू के भाषण से दूर रहने का कारण बताया। संसद से अनुपस्थित रहने वालों में न्यूयॉर्क की अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज, मिशिगन की रशीदा तलीब, सीनेटर बर्नी सैंडर्स और सीनेट की प्रो टेम्पोर पैटी मरे शामिल हैं। वहीं, अन्य लोगों ने भी इस्राइली पीएम के संकटग्रस्त नेतृत्व की निंदा की। अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि अब जीत हमारे बेहद करीब है। हमास पर हमारी जीत से ईरान को करारा झटका लगेगा। इस दौरान इस्राइली पीएम ने हिजबुल्ला को भी कुचलने की धमकी। उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरू कदम उठाएंगे। उन्होंने ईरान को अमेरिका और इस्राइल के लिए संकट बताया। नेतन्याहू ने कहा कि ऐसे में अमेरिका और इस्राइल को एक साथ खड़ा होना चाहिए। जब हम एक साथ खड़े होते हैं तो वास्तव में सब अच्छा होता है। हम जीतते हैं, वे हारते हैं। इस दौरान नेतन्याहू ने गाजा में युद्ध और इससे उत्पन्न मानवीय संकट की निंदा करने वालों की भी आलोचना की। उन्होंने कई प्रदर्शनकारियों पर सात अक्तूबर को हमला करने वाले उग्रवादियों के साथ खड़े होने का भी आरोप लगाया। बेंजामिन ने कहा कि ऐसे लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए।

हमास के साथ इस्राइल का युद्ध अमेरिका में एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। इसके कारण विरोध प्रदर्शन हुए और कॉलेज परिसरों में गिरफ्तारियां हुईं। विरोध की तीव्रता इस्राइल प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे पर और तेज हो गई है। मंगलवार को राजधानी वाशिंगटन में हमास के कब्जे में फंसे बंधकों के परिवारों ने प्रदर्शन किया। सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बुधवार की सुबह को हुआ, जिसमें युद्ध अपराध के आरोपों में नेतन्याहू की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कैपिटल बिल्डिंग के आसपास मार्च किया गया। इसमें कम से कम 5,000 के शामिल होने का अनुमान था। हालांकि, मार्च पूरा होने से पहले सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शन में शामिल एक बंधक के रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि नेतन्याहू सत्ता में बने रहने के लिए युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के समझौते को टाल रहे हैं। इन परिवारों ने नेतन्याहू से मांग की कि वे युद्ध विराम समझौते पर सहमत हों, जिससे बंधकों को वापस घर लाया जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं ने भी नेतन्याहू की यात्रा का विरोध किया है। कुछ सांसदों ने संबोधन का बहिष्कार करने की भी योजना बनाई है। इन नेताओं ने कहा कि वे यह समय हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों से बातचीत में बिताएंगे। कैपिटल और पोटोमैक नदी के किनारे स्थित होटल के प्रवेश द्वारों के आसपास बाड़ लगाई गई है, जहां नेतन्याहू ठहरे हुए हैं। इस्राइली नेता के दौरे के लिए कैपिटल पुलिस और सीक्रेट सर्विस के जवान बड़ी संख्या में तैनात किए गए हैं।