अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर की मांग व कांग्रेस के नेताओं के बयानों को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं में नाराजगी है।

कांग्रेस को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं में भारी नाराजगी है। आप सूत्रों के हवाले से खबर है कि इंडी गठबंधन से कांग्रेस को बाहर कराने के लिए आम आदमी पार्टी दूसरी पार्टियों से बातचीत करेगी। आप का कहना है कि कांग्रेस भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर की मांग व कांग्रेस के नेताओं के बयानों को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं में नाराजगी है। प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष एडवोकेट अक्षय लाकड़ा ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी से जुड़े अन्य सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने संसद मार्ग थाने में शिकायत की है। अक्षय लाकड़ा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के नाम पर दिल्ली की जनता को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि आप के विधायक और एमसीडी पार्षदों की ओर से कथित तौर पर व्यक्तिगत डेटा मतदाता पहचान पत्र और फोन नंबर एकत्रित किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में ओटीपी सत्यापन का उपयोग किया जा रहा है, जिससे जनता का विश्वास तोड़ा गया है। वहीं दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना लागू नहीं की गई है। लाकड़ा ने आरोप लगाया कि यह कदम धोखाधड़ी और जालसाजी का स्पष्ट उदाहरण है, जिससे जनता के बीच भ्रम फैलाने का प्रयास किया गया।

उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना को राजनीतिक छलावा करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि योजना के नाम पर महिलाओं को गुमराह कर फार्म भरवाए जा रहे हैं, जबकि दिल्ली सरकार के बाल विकास विभाग की ओर से जारी नोटिस ने स्पष्ट किया गया है कि यह कोई सरकारी योजना नहीं है।

देवेंद्र ने कहा कि केजरीवाल ने चुनावी लाभ के लिए महिलाओं को 2100 रुपये मासिक देने का झूठा वादा किया है। इसके तहत आप कार्यकर्ताओं ने झुग्गी-झोपड़ी में फार्म भरवाकर महिलाओं की जानकारी इकट्ठा की। इन फर्जी योजनाओं के जरिये आप साइबर अपराध और बैंकिंग धोखाधड़ी को बढ़ावा दे रही है। इस तरह की जानकारी साझा करने से महिलाओं को गंभीर वित्तीय नुकसान हो सकता है। आप ने 2022 में पंजाब और 2024 में दिल्ली में महिलाओं को 1000 रुपये मासिक देने का वादा किया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया। महिलाओं को आर्थिक सहयोग देने के नाम पर केवल झूठे वादे किए गए, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ।