- बता दें कि एक तरफ भारत किसी भी पल अपने 9 मिसाइलों के साथ पाकिस्तान पर हमला करने वाला था। वहीं, दूसरी ओर आधी रात को तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया के पास फोन की घंटी बजती है।इसके साथ ही ये फोन घबराए पड़ोसी मुल्क की सरकार द्वारा किया जा रहा था। फोन पर कहा गया कि पूर्व वजीरे आजम इमरान खान बातचीत के जरिए स्थिति को शांत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करना चाहते हैं।
इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे पुलवामा के बाद भारत की जबरदस्त कूटनीति ने पाकिस्तान को डरा कर रख दिया था और उसे अपनी आतंकी नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
जिस रात की बात की जा रही है उसे खुद पीएम मोदी ने ‘कत्ल की रात’ के रूप में वर्णित किया है। 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा अटैक के बाद भारत ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान पर बालाकोट हमले किए। 27 फरवरी की रात पाकिस्तान के लिए काफी चिंता से भरी रही। वहीं, भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान की हिरासत में थे। उन्होंने वहां 2 रात बिताई थी। अपनी किताब में अजय ने पायलट को बंदी बनाए जाने के बाद के घटना का विवरण दिया है। इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे महज 2 दिनों के अंदर ही अभिनंदन को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया था।
आधी रात को जब बजी फोन की घंटी…
अजय ने खुलासा किया कि उस आधी रात (27 फरवरी, 2019) को भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद का फोन आया था। उन्होंने कहा कि इमरान खान पीएम मोदी से बात करना चाहते हैं। बिसारिया ने दिल्ली में लोगों से पूछताछ की और वापस महमूद को फोन कर कहा कि पीएम मोदी इस समय फोन पर उपलब्ध नहीं हो सकते है।
हालांकि, अगर कोई जरूरी संदेश हो तो खुद उच्चायुक्त को दिया जा सकता है, लेकिन उस रात महमूद ने दोबारा कॉल नहीं की। अगले दिन 28 फरवरी को इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद में भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को रिहा करने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत के जरिए शांति बहान करने के लिए पीएम मोदी से बात करने की कोशिश की गई।
2 दिनों के भीतर ही पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर शांति का संकेत देने की कोशिश की, लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन के दूतों सहित पश्चिमी राजनयिकों ने इस्लामाबाद को बताया कि पायलट को नुकसान पहुंचाने पर स्थिति बिगड़ने की भारत की धमकी कितनी गंभीर हो सकती थी? देखा जाए तो पाकिस्तान वास्तव में काफी डरा हुआ था। बता दें कि पाकिस्तान ने 26 फरवरी की घटनाओं के बाद इनमें से कुछ राजनयिकों को लगातार तीन बार तलब किया था।
इनमें से कुछ दूतों ने रात भर भारत के विदेश सचिव को फोन करके बताया कि पाकिस्तान न केवल अभिनंदन को रिहा करने के लिए तैयार है, बल्कि भारत के पुलवामा डोजियर पर कार्रवाई करने और आतंकवाद के मुद्दे को संबोधित करने के लिए भी तैयार है। बता दें कि इमरान खान अगले दिन संसद में ये घोषणाएं भी करने वाले थे। बिसारिया के अनुसार, अमेरिका और ब्रिटेन के दूतों ने डीजी आईएसआई असीम मुनीर (वर्तमान सेना प्रमुख) और विदेश सचिव तहमीना जंजुआ के साथ बातचीत में न केवल पाकिस्तानी राजनयिकों को बल्कि जीएचक्यू, रावलपिंडी को भी भारत के ‘कड़े संदेश’ से अवगत कराया था।
बिसारिया की किताब में यह भी खुलासा किया गया है कि कैसे खान के एक करीबी दोस्त ने बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर खान और मोदी के बीच ‘संक्षिप्त हाथ मिलाने और बातचीत’ के लिए बिसारिया से संपर्क किया था। इससे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को आतंकवाद से निपटने में अपनी ‘ईमानदारी’ के बारे में मोदी को समझाने का मौका मिल जाता। बिसारिया बताते है कि सैन्य कार्रवाई का संकेत देते हुए, पीएम मोदी ने 2019 में एक चुनावी रैली में कहा था कि पाकिस्तान ने सौभाग्य से पायलट को रिहा कर दिया अन्यथा यह कत्ल की रात होती।