इस्‍कॉन के शाकाहारी रेस्‍टोरेंट में बैग से निकालकर खाने लगा चिकन, लंदन में शख्‍स ने पार की बेशर्मी की सारी हदें

लंदन के स्थित इस्‍कॉन रेस्‍टोरेंट में एक ऐसी घटना हुई है जिसने हर किसी को गुस्‍से से भर दिया है. यह रेस्‍टोरेंट जो पूरी तरह से सात्विक और शाकाहारी खाना ही सर्व करता है, वहां पर अफ्रीकी मूल के एक ब्रिटिश नागरिक ने कुछ ऐसा किया है जिसे जानने के बाद हर वेजिटेरियन का खून खौल रहा है. गोविंदा रेस्‍टोरेंट में पहले तो यह शख्‍स दाखिल होता है और फिर वह पूछता है कि क्‍या रेस्‍टोरेंट में चिकन भी सर्व होता है. उसे बताया जाता है कि वहां पर सिर्फ शाकाहारी खाना ही मिलता है तो और फिर वह बेशर्मी की सारी हदों को पार कर देता है.

बताने के बाद भी खाया चिकन
यह बताए जाने पर कि रेस्‍टोरेंट में सिर्फ शाकाहारी खाना ही सर्व होता है, वह शख्‍स बड़ी ही बेशर्मी से बैग से चिकन का एक डिब्बा निकालता है और उसे रेस्टोरेंट के अंदर ही सबके सामने खाने लगता है. इतना ही नहीं, उसने व‍ह चिकन का टुकड़ा वहां मौजूद बाकी लोगों को भी ऑफर किया जिनमें कर्मचारी और ग्राहक भी शामिल थे. उसकी इस हरकत से वहां पर मौजूद लोगों को काफी असुविधा हुई. मामला इतना बिगड़ गया कि कर्मचारियों ने सुरक्षाकर्मियों को बुला लिया और आखिर में उसके इस अभद्र व्यवहार के चलते उसे रेस्‍टोरेंट से बाहर निकाल दिया गया.

लोग बोले नस्‍लवाद से प्रेरित
इस घटना से लोगों में काफी नाराजगी है. अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या उसकी हरकत नस्लवाद या धार्मिक असहिष्णुता से प्रेरित थी? वीडियो वायरल होने के बाद इंटरनेट यूजर्स ने उस व्यक्ति की रेस्टोरेंट की परंपराओं को नजरअंदाज करने पर उसकी कड़ी आलोचना की. यूजर्स ने इसे एक नस्लवादी कृत्य बताया है. इस घटना ने उस व्यक्ति के कृत्य के पीछे की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं. वहीं इस घटना ने कल्‍चरल सेंसटिव‍िटी और विविध परंपराओं के सम्मान पर एक बड़ी चर्चा को जन्म दिया है. कई यूजर्स ने दूसरों की मान्यताओं और रीति-रिवाजों का ध्यान रखने के महत्व पर जोर दिया है. उनका कहना है कि रेस्टोरेंट जैसे पब्लिक प्‍लेसेज पर लोगों को इसका ध्‍यान रखना चाहिए.

यूजर्स बोले, घिनौना काम
एक यूजर ने लिखा, ‘लोगों को परेशान करके उसे कुछ हासिल नहीं हुआ! कोई उपलब्धि नहीं, बल्कि उसकी हरकत से समाज में नाराजगी जरूर पैदा हो गई है.’ एक और यूजर ने टिप्पणी की, ‘उम्मीद है कि स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई होगी… पता नहीं उसे इसके लिए गिरफ्तार किया जा सकता है या नहीं, लेकिन यह हिंदुओं के प्रति शुद्ध घृणा है और वह पूरी तरह से जानता है कि हिंदू जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे, इसलिए उसने ऐसा घिनौना काम करने की हिम्मत की.’

इस्कॉन एक धार्मिक संघ है जिसकी स्थापना 1966 में एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी. यह भगवद् गीता और भारत के प्राचीन वैदिक ग्रंथों की शिक्षाओं पर आधारित है. इस्कॉन का मुख्य ध्यान कृष्ण भावनामृत को बढ़ावा देने पर है.