इस सीट पर सपा का वर्चस्व तोड़ पाएगी भाजपा?… 2012 से यहां सरपट दौड़ रही ‘साइकिल’

पिछले 12 वर्षों से मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर सपा का दबदबा है। 2012 से मई 2024 तक हुए पांच चुनावों में सपा ने ही जीत दर्ज की है। 2019 में सपा की जीत का अंतर सबसे अधिक 64913 और सबसे कम 10821 वोट रहा।

ऐसे में कुंदरकी सीट पर कायम सपा के वर्चस्व को तोड़ना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। फिलहाल भाजपा उपचुनाव में सपा की घेराबंदी करने में जुटी है।
मुरादाबाद जिले की छह विधानसभा सीटों में देहात के बाद कुंदरकी सपा की सबसे मजबूत सीट मानी जाती है।

चुनावों के नतीजे भी यही बताते हैं। जिले की यह सीट संभल लोकसभा क्षेत्र में आती है। पिछले 12 साल में पांच चुनाव हो चुके हैं। इसमें तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा चुनाव शामिल है। इन पांचों चुनावों में कुंदरकी विधानसभा सीट पर सपा को जीत मिली है।

विधानसभा हो या फिर लोकसभा का चुनाव, दोनों में सपा का वर्चस्व कायम रहा है। इस सीट पर चुनाव दर चुनाव सपा की जीत का अंतर भी बढ़ता गया है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कुंदरकी सीट पर सपा ने 17201वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
वहीं इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में सपा को भाजपा उम्मीदवार से 57044 मत अधिक मिले थे। जियाउर्रहमान बर्क के सांसद बनने के बाद खाली हुई कुंदरकी सीट पर 32 महीने के भीतर दूसरी बार चुनाव होगा।

उपचुनाव में 13 नवंबर को कुंदरकी के मतदाताओं को फिर विधायक चुनने का मौका मिला है। लेकिन अभी तक न तो सपा ने प्रत्याशी घोषित किया और न ही भाजपा ने। हालांकि परदे के पीछे दोनों दल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।