सरकार ने मंगलवार को 1.07 लाख करोड़ रुपये की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ELI- Employment Linked Incentive) को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से अगले 2 साल में 3.5 करोड़ नौकरियों का सृजन करना है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये बड़ा फैसला लिया गया है। इसका मकसद अलग-अलग सेक्टरों में रोजगार बढ़ाना, रोजगार क्षमता में बढ़ोतरी और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर खास ध्यान दिया जाएगा।
पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को मिलेगी 15,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि
ये योजना पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन देगी। इस योजना के तहत पहली बार नौकरी पर रखे गए कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा। वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए 2 साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। साथ ही मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए लाभ को और 2 साल के लिए बढ़ा दिया जाएगा। ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल एवं अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं के पैकेज के हिस्से के रूप में की गई थी। इसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपये था।
1 लाख रुपये तक की सैलरी वाले कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
ईएलआई योजना के तहत 3.5 करोड़ में से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में शामिल होने वाले होंगे। इस योजना का लाभ 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगा। योजना में दो भाग हैं। पहला भाग, पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों पर केंद्रित है और दूसरा भाग नियोक्ताओं पर केंद्रित है। ईपीएफओ के साथ पहली बार रजिस्टर्ड कर्मचारियों को लक्ष्य करते हुए पहले भाग के तहत दो किस्तों में एक महीने का वेतन 15,000 रुपये तक दिया जाएगा। 1 लाख रुपये तक की सैलरी वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे। पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद दी जाएगी और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद दी जाएगी।
बचत या जमा खाते में रखा जाएगा प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा
बयान में कहा गया, ‘‘ बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए बचत साधन या जमा खाते में रखा जाएगा और कर्मचारी इसे बाद में निकाल सकेंगे। पहले भाग के तहत, पहली बार नौकरी करने वाले लगभग 1.92 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।’’ योजना का दूसरा भाग सभी सेक्टरों में अतिरिक्त रोजगार सृजन से जुड़ा है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये तक की सैलरी वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन मिलेगा।
नियोक्ताओं को हर महीने प्रत्येक कर्मचारी के लिए मिलेंगे 3000 रुपये
सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार देने पर नियोक्ताओं को दो साल तक 3000 रुपये प्रति माह तक प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन का विस्तार तीसरे और चौथे साल भी दिया जा सकता है। योजना के पहले भाग के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को सभी भुगतान ‘आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली’ (एबीपीएस) के जरिये डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) मोड के माध्यम से किए जाएंगे। दूसरे भाग के अंतर्गत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन से जुड़े खातों में किया जाएगा।