कठुआ मुठभेड़ के बाद एक्शन में पुलिस महकमा

कठुआ गैंगस्टर मुठभेड़ में प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर के बलिदान पर पुलिस महकमा स्तब्ध है। किसी ने सोचा नहीं था कि गैंगस्टरों की इतनी हिमाकत होगी कि ऐसी वारदात को अंजाम देंगे क्योंकि अभी तक इस तरह की वारदात पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार में होती आई हैं। लिहाजा जम्मू-कश्मीर पुलिस इस वारदात के बाद गैंगस्टरों पर नकेल कसने की तैयारी कर चुकी है।

पुलिस ने जम्मू, सांबा और कठुआ में पिछले 15 वर्षों से सक्रिय गैंगस्टरों, हिस्ट्रीशीटरों, कुख्यात अपराधियों की सूची तैयार की है। अभी पहली सूची बनाई गई है। इसमें जम्मू के 48, सांबा के 30 और कठुआ के 38 गैंगस्टरों की पहचान की गई है। इन पर कार्रवाई करने के लिए 17 बिंदु चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें अमल में लाकर कार्रवाई की जाएगी। इन गैंगस्टरों की तमाम गतिविधियों और इनके लिए काम करने वालों पर नजर रखी जाएगी, ताकि ये किसी वारदात को अंजाम न दे सकें। सूत्रों का यह भी कहना है कि जिन गैंगस्टरों की पहचान की गई है, इनमें से कुछ को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, जम्मू में सक्रिय गैंगस्टर पंजाब से हथियार लेकर आ रहे हैं। पंजाब में बड़े स्तर पर पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए चाइनीज पिस्टल और अन्य हथियार भेजे जा रहे हैं। गैंगस्टर पंजाब से इन हथियारों को लेकर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कठुआ में पीएसआई पर चलाई गई गोली चाइनीज पिस्टल की थी, जिसे गैंगस्टर पंजाब से लेकर आया था। जम्मू के गैंगस्टर पंजाब के गैंगस्टरों के साथ मिलकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। जम्मू में कई वारदातें पंजाब के कुख्यात अपराधियों के साथ मिलकर अंजाम दी गई हैं।

गैंगस्टर चलन
बता दें कि जम्मू में पिछले तीन वर्ष से गैंगस्टर चलन बढ़ा है। करीब 20 वर्ष पहले जम्मू में गैंगवार का दौर था। जो बाद में लगभग खत्म हो गया। बड़े गैंगस्टर किसी न किसी वारदात को लेकर जेल चले गए, या फिर गैंगवार में मारे गए। लेकिन पिछले तीन वर्ष से गैंगवार दोबारा शुरू हो गई है। कई वारदातें गैंगस्टरों ने अंजाम दी हैं। सबसे अधिक असर जेलों में बंद पुराने गैंगस्टरों की वजह से पड़ रहा है, जो जेल में होकर भी गुर्गों से वारदात को अंजाम दे रहे हैं।