कर्नाटक में मुस्लिमों को आरक्षण पर डीके शिवकुमार ने BJP पर किया पलटवार

कर्नाटक सरकार के चार प्रतिशत अल्पसंख्यक कोटे (Muslim Reservation Row) के आदेश को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी है। राज्य में सरकारी ठेकों में मुसलमानों को आरक्षण देने के फैसले पर सोमवार (24 मार्च) को संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा देखने को मिला। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने इसे संविधान बदलने की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

डीके शिवकुमार ने जेपी नड्डा पर किया पलटवार

वहीं, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि भाजपा झूठी खबरें फैला रही है। डीके शिवकुमार ने जेपी नड्डा के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि मैं एक समझदार और वरिष्ठ राजनेता हूं। जेपी नड्डा से भी ज्यादा। कुमारस्वामी ने आगे कहा,”वे (जेपी नड्डा) जो कुछ भी मेरे हवाले से कह रहे हैं, वह गलत है। वे इसे गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं। हमारी पार्टी इस देश में संविधान लेकर आई है।”
सोमवार को राज्यसभा में बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि संविधान धर्म के नाम पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। कांग्रेस अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण कर रही है।  कर्नाटक में कांग्रेस ने पहले ही सार्वजनिक अनुबंधों के लिए धर्म के आधार पर चार प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है। ऐसे कानूनों और नीतियों को वापस लिया जाना चाहिए। बीआर अंबेडकर के मार्गदर्शन में विकसित संविधान को कोई नहीं बदल सकता।”जेपी नड्डा के बयान के बाद किरण रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस संविधान पर हमला कर रही है। कांग्रेस ये जानकारी दी कि वो संविधान में बदलाव क्यों करना चाहती है।

संविधान को कोई नहीं बदल सकता: खरगे

भाजपा नेता के आरोपों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ही थी जो संविधान की रक्षा के लिए ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ निकाली थी। संविधान को कोई नहीं बदल सकता है।

क्या है मुस्लिम आरक्षण विधेयक का मामला?

पिछले हफ्ते कर्नाटक सरकार द्वारा चार प्रतिशत आरक्षण देने के लिए एक विधेयक पारित हुआ विधानसभा में अफरा-तफरी के माहौल में विधेयक पारित किया गया। इस विधेयक के जरिए कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन की जा सकती  है, जिससे  2 करोड़ रुपये तक के मूल्य के (सिविल) कार्यों के 4 प्रतिशत ठेकों तथा 1 करोड़ रुपये तक के माल/सेवा खरीद ठेकों को मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के लिए सुरक्षित रखता है।