बता दें कि बदलते कश्मीर में लोगों को आधुनिक परिवाहन सुविधाए उपलबध कराने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है। श्रीनगर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट बसों व ई-रिक्शा की सेवा उपलब्ध करा कर प्रशासन ने सफर को आरामदायक बना दिया है।
इसके साथ ही अब परिवहन सुवधा को और विस्तार देते हुए अंततराष्टरीय स्तर पर बेहतरीन सेवा के लिए नाम कमा चुकी कुछ कैब एजेंसियों को भी यहां अपनी सेवा शुरू कराने के लिए हरी झंडी दे दी है। ऊबर ने अपनी सेवा शुरू भी कर दी है। उम्मीद है जल्द ही ओला की सेवा भी शुरू हो जाए।
जानकारी के अनुसार बता दें कि बेहतरीन परिवाहन प्रणाली के लिए श्रीनगर शहर को हाल ही में एकसिलेंस अर्बन ट्रांसपोर्ट अवार्ड का पुरस्कार मिला था। इससे पूर्व गत महीने नवंबर में आला नामक एक स्थानीय कंपनी ने श्रीनगर में कैब सेवा शुरू की थी जबकि इससे पहले नोवा तथा जुगनू कैब सेवा भी यात्रियों को मिल रही थी।
इस बीच अब ऊबर की सेवा भी शुरू हो गई है। हालांकि अभी तक औपचारिक तौर पर यह सेवा शुरू होने संबंधित कोई घोषणा नहीं हुई है लेकिन परिवाहन विभाग ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा ऊबर को घाटी में अपनी सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस उपलब्ध कराई है। ज्वाइंट ट्रांस्पोर्ट कमिश्नर विनय समोत्रा ने कहा कि चंद दिन पहले ही ऊबर को यहां सेवा शुरू करने की अनुमित दी गई थी।
इधर ऊबर की ऑफिशियल वेबसाइट पर घाटी में कैब सेवा शुरू करने संबंधति जानकारी दी गई है, जिसमें कहा गया है कि श्रीनगर में यात्रियों के लिए फिलहाल पांच गाड़ियां उपलब्ध कराई हैं। असिस्टेंट रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर श्रीनगर डा. फरहाना असगर ने कहा कि ये कैब सेवा नियमों के तहत काम करें। इसके लिए परिवाहन विभाग समय-समय पर जांच करता है। जो वाहन पंजीकृत न हो जब्त किया जाता है।
श्रीनगर में पहले से उपलब्ध कैब और अन्य परिवहन सेवाएं
इस समय श्रीनगर शहर में आला, जुनू तथा नोवा कैब सेवाएं उपलब्ध हैं। आला कैब सेवा ने 350 कैबों का पंजीकरण कराया है, जिसमें से 200 कैब इस समय शहर में गतिशील है। जुगून ने 140 जबकि नोवो ने 135 कैब इस समय श्रीनगर शहर में उपलब्ध रखे हैं।
विश्वसनीय कैब सेवा मिलने पर स्थानीय लोगों में खुशी यह कैब सेवा शुरू होने पर आम लोगों ने प्रसन्ना जताते हुए कहा कि इससे उन्हें काफी सुविधा मिलेगी।
सहर यासीन नामक एक महिला ने कहा कि वह एक निजी कंपनी में काम करती है। ऑफिस पहुंचने के लिए वह जैसे-तैसे करके बस या ओटो का सहारा लेती हैं, लेकिन शाम को घर वापसी में बड़ी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। एक तो शाम को बस टाइम पर नहीं और ओटो में अकेला जाना सुरक्षित नहीं लगता।
ऐसे में यदि ऊबर जैसी विश्वस्नीय कैब सेवा उपलब्ध होगी तो बड़ी राहत की बात होगी। उधर मोहम्मद सुलतान डार नामक एक व्यक्ति ने कहा, श्रीनगर में इस तरह की कैब सेवा की बड़ी दरकार थी। यह सेवा काफी लोकप्रिय है और 24 घंटे उपलब्ध रहती है। दिल्ली में इसका अनुभव कर चुका हूं।