केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब विज्ञान प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि खेतों तक पहुंचेगा।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार की योजना है कि देश के हर जिले में वैज्ञानिकों की 2,000 टीमें भेजी जाएंगी, जो किसानों को नई तकनीक, उन्नत नस्लें, बागवानी, और वैज्ञानिक खेती की जानकारी देंगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “रिसर्च पेपर अब सिर्फ किताबों और सेमिनार तक नहीं, बल्कि किसानों और पशुपालकों की जिंदगी बदलने का माध्यम बनेंगे।”
“पशुपालन के बिना अधूरी है भारत की कृषि”
कृषि मंत्री ने कहा, “भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन पशुपालन के बिना इसकी कल्पना अधूरी है।” उन्होंने यह भी बताया कि देशभर में 300 से अधिक किसानों ने खुद अपने स्तर पर नए कृषि प्रयोग किए हैं, जिन्हें वैज्ञानिकों की मदद से और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि गांव-गांव तक पशुपालन से जुड़ी रिसर्च और आधुनिक तकनीक पहुंचे।