केरल के अलाप्पुझा जिले में दो जगहों पर बर्ड फ्लू फैलने की खबर मिली है। एडथवा ग्राम पंचायत के वार्ड 1 के एक क्षेत्र और चेरुथाना ग्राम पंचायत के वार्ड 3 के एक अन्य क्षेत्र में पाली गई बत्तखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। खबर मिलने के बाद से आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया है। पशुपालन विभाग ने 12 बॉर्डर चेक पोस्ट पर चौबीसों घंटे की निगरानी बढ़ा दी है। इन सभी चेक पोस्ट पर एक पशु चिकित्सक और चार अन्य कर्मचारियों को तैनात किया गया है। पोल्ट्री मीट, अंडे और बत्तख ले जाने वाले वाहनों को रोकने और वापस करने के निर्देश जारी किए गए हैं। एडथवा में 12 अप्रैल से अब तक 3 हजार, तो चेरूथाना में 250 पक्षी मारे जा चुके हैं। मरे हुए पक्षियों के सैंपल जब भोपाल स्थित लैब भेजे गए, तब इनमें एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) यानी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में सभी घरेलू पक्षियों को मारने और नष्ट करने का फैसला किया है।
क्या है बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लुएंजा?
एवियन इन्फ्लुएंजा को बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू कहा जाता है। यह बीमारी सबसे पहले साल 2003 मं वियतनाम में रिपोर्ट की गई थी। यह पक्षियों की एक बीमारी है, जो बहुत घातक होती है। ये बीमारी जंगली पक्षियों से पालतू पक्षियों में फैलती है। हालांकि ये बर्ड फ्लू इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम होती है। अगर कोई धूल में मौजूद वायरस के बीच सांस लेता है तो इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसके अलावा किसी संक्रमित चीज को छूने से भी संक्रमण हो सकता है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार तो ये वायरस पक्षियों की आंतों या श्वसन तंत्र पर हमला करता है और उन्हें बीमार कर देता है। यहां तक कि उनकी मौत तक हो जाती है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
भयंकर शरीर दर्द
तेज बुखार
लगातार खांसी
सांस लेने में तकलीफ
सर्दी लगना
बलगम में खून आना
बरतें ये सावधानियां
बर्ड फ्लू से बचने के लिए संक्रमित पक्षियों को संभालने वालों को दस्ताने पहनना चाहिए और चेहरे को ढंककर रखना चाहिए।
हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोते रहना चाहिए।
अच्छी तरह पका हुआ मांस और अंडे ही खाएं। कच्चा अंडा या मांस न खाएं।
किसी भी मृत या बीमार पक्षी की सूचना पशु कल्याण विभाग या स्थानीय सरकारी विभाग को दें।