क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस और क्या है इस साल की थीम

हर साल 01 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस  की तरह मनाया जाता है। इस दिन को मई दिवस, कामगार दिवस, श्रम दिवस और श्रमिक दिवस जैसे नामों से भी जाना जाता है। दुनियाभर में इस दिन को मनाने के पीछे एक बेहद खास उद्देश्य है। इसी कारण इस दिन को हर साल मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है श्रमिकों को उनके योगदान के लिए सराहना देना और लोग इनकी परिस्थिति और समस्याओं के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाने की कोशिश करना। आइए जानते हैं इस साल अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की थीम क्या है और साथ ही, जानेंगे कि आखिरकार इस दिन को मनाने की शुरुआत कैसे हुई।

क्या है इस साल की थीम?

हर साल अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की एक खास थीम चुनी जाती है। इस साल की थीम है यानी जलवायु परिवर्तन के बीच काम की जगह पर श्रमिकों के स्वास्थय और सुरक्षा को सुनिश्चित करना। इस थीम के जरिए श्रमिकों के स्वास्थय और सुरक्षा को महत्व देने पर जोर दिया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का इतिहास

अभी से लगभग 135 साल पहले अमेरिका में श्रमिकों की हालत बेहद खराब थी। उन्हें एक दिन में लगभग 15 घंटे काम करना पड़ता था। साथ ही, काम की जगह पर सफाई भी नहीं होती थी और न वे जगहें हवादार होती थीं। इन्हीं बदतर परिस्थितियों से परेशान होकर मजदूरों ने हड़ताल करने का फैलसा किया और 01 मई 1886 को कई श्रमिक अमेरिका की सड़कों पर उतर गए। उनकी मांग थी कि काम के घंटों को 15 घंटे से घटाकर 8 घंटे किया जाए और काम की जगह में भी सुधार किए जाएं। हालांकि, पुलिस को जब लगा कि स्थिति काबू से बाहर जा रही है, तो उन्होंने गोलियां चला दी, जिसमें 100 से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे और कई श्रमिकों की जान भी चली गई थी। इसी दिन को याद करते हुए 1889 को अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में 01 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया गया। साथ ही, इस दिन को अवकाश की तरह मनाए जाने और श्रमिकों से 8 घंटे से ज्यादा काम न करनवाले के फैसले को भी पारित किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश के निर्माण में श्रमिकों के योगदान को याद करना और सम्मानित करना है। इस दिन श्रमिकों के संघर्षों को याद किया जाता है और उनके काम की सराहना की जाती है। साथ ही, इस दिन को मनाने के पीछे का एक उद्देश्य मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करना और इसके प्रति उन्हें जागरूक करना भी है।

भारत में अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत

भारत में मजदूर दिवस को मनाने की शुरुआत 1923 में सबसे पहले चेन्नई में हुई थी, जिसे वामपंथियों ने शुरू किया था। इसके बाद देश के कई मजदूर संगठनों ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की। भारत में यह दिन हर साल 01 मई को मनाया जाता है। इस दिन पब्लिक हॉलीडे भी होता है।