खेल का मैदान कभी भी एक समान नहीं होता – कार्तिक आर्यन

कार्तिक आर्यन हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान बना चुके हैं। अपने अभिनय और अपने लुक्स की वजह से वह अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। हाल में ही रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ के लिए उन्हें काफी सराहना भी मिली है। अब हाल ही में, अभिनेता कार्तिक आर्यन ने अपनी शुरुआती संघर्षों के बारे में खुलकर बात की है। अभिनेता ने ऑडिशन के दौरान अपने संघर्षों और मिले रिजेक्शन के बारे में बताया है। हाल ही में, एक इंटरव्यू में कार्तिक ने कहा, “वे दिन काफी कठिन थे। ऐसा लगता था जैसे आप मौजूद ही नहीं हैं। लगता था कि आपकी कोई वैल्यू नहीं है। अयोग्य करार दिए जाने के डर से ऑडिशन देने में भी काफी डर लगता था।” जब उनसे पूछा गया कि रिजेक्शंस के बावजूद उन्हें किस चीज ने आगे बढ़ने में मदद की है। इस पर अभिनेता ने बताया कि दर्शकों के प्यार ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की है। अभिनेता ने कहा, “मेरे अकेलेपन की भरपाई मेरे फैंस ने की है।” कार्तिक फिल्म इंडस्ट्री में अपने शुरुआती दिनों के दौरान बाहरी लोगों का ध्यान आकर्षित करने में होने वाली कठिनाई के बारे में बताते हुए कहते हैं, “मैं लाइन में लगता था और आज दूसरों को लाइन में लगने की जरूरत भी नहीं पढ़ रही है। वह लोग वहां चाय पी रहे हैं, जहां मैं ऑडिशन दे रहा था। खेल का मैदान कभी भी एक समान नहीं होता।” इंटरव्यू के दौरान कार्तिक ने अपने जीवन के कुछ कठिन अनुभव साझा किए। उन्होंने स्कूल में पहली बार अपने ब्रेकअप को याद किया और कहा, “मेरा पहली बार दिल कॉलेज में टूटा था, जब मैंने उनकी गर्लफ्रेंड ने कहा कि अगर कार्तिक अभिनय करना चाहते हैं तो  वह उनके साथ नहीं रह सकती, क्योंकि वह एक अभिनेता के साथ रहना बर्दाश्त नहीं कर पाएगी।” बात करें कार्तिक की वर्क फ्रंट की, तो हाल में ही वह फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ में नजर आए थे। यह एक बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स ड्रामा थी, जिसमें उन्होंने पैरालंपिक में गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ी मुरलीकांत पेटकर का किरदार निभाया था। फिल्म के लिए उनकी काफी सराहना भी हुई थी। इसके अलावा वह इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ को लेकर व्यस्त हैं।