हमें सबसे अधिक कोई जानता और समझता है तो वह है प्रकृति। हमारे सबसे अच्छे दोस्तों, मां, भाई या बहन से चूक हो सकती है कि हमारे लिए क्या खाना स्वास्थ्यवर्धक है, लेकिन प्रकृति से नहीं। किसी भी जलवायु और परिवेश में जो खाना-पीना सेहतमंद होगा, प्रकृति वहां वही चीजें उगाती है। हर मौसम में हमारी जरूरत के हिसाब से ही फल और सब्जियां उगते हैं। गर्मी के मौसमी फलों की लिस्ट बनाई जाए तो तरबूज, आम और बेल इसमें टॉप पर होंगे।
आज हम बेल की बात कर रहे हैं।
बेल के फल, पत्ती, टहनी और जड़ यानी लगभग सभी हिस्सों से आयुर्वेदिक दवाइयां बनती हैं। आमतौर पर खाने-पीने में इसके फल का ही इस्तेमाल होता है। स्थानीय स्वाद के अनुसार लोग कहीं चटनी के रूप में, कहीं शरबत बनाकर या कभी दही के साथ इसको भोजन में शामिल करते हैं।
बेल विटामिन्स, फाइबर, पोटेशियम जैसे कई न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। इन्हीं सब न्यूट्रिएंट्स के कारण यह हमारे पाचन तंत्र, इम्यूनिटी, लंग्स और स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है।
आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे बेल की। साथ ही जानेंगे कि-
- बेल की न्यूट्रिशन वैल्यू क्या है?
- यह हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है?
- इसे कब और कैसे खाना चाहिए?
- किन लोगों को बेल के सेवन से परहेज करना चाहिए?
मार्च से जुलाई तक मिलता है पेड़ में पका बेल
बेल गर्मियों का मौसमी फल है। यह मार्च के महीने से पकना शुरू हो जाता है और जुलाई के आखिर तक बाजार में आता रहता है। यह अपने तमाम पोषक तत्वों और मेडिसिनल प्रॉपर्टीज के कारण गर्मियों का सुपरफूड कहा जाता है। दिल्ली की सीनियर डाइटीशियन और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर डॉ. अनु अग्रवाल कहती हैं कि गर्मी के अलावा किसी और मौसम में बेल खाना उतना फायदेमंद नहीं है, क्योंकि बेमौसम इसे स्टोर करके रखा गया होगा या फिर केमिकल्स से पकाया गया होगा।
गर्मियों का सुपरफूड है बेल
डॉ. अनु अग्रवाल के मुताबिक बेल गर्मियों का सुपरफूड है। अगर इसे पूरी गर्मियों में रेगुलर खाया जाए तो कई बीमारियों से निजात मिल सकती है। इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और सोडियम जैसे तमाम पोषक तत्व होते हैं।
पाचन तंत्र मजबूत करता है
बेल हमारा पाचन तंत्र मजबूत करता है। आमतौर पर इसका उपयोग पेचिश, दस्त और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसे डाइजेस्टिव डिसऑर्डर्स के इलाज के लिए किया जाता है। रिसर्च गेट में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, बेल के फल में मौजूद एंटीस्पास्मोडिक गुण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को राहत देता है और अपच होने पर भी आराम दिलाता है। अपने एंटीस्पास्मोडिक गुणों के कारण ही यह कब्ज में भी बेहद लाभकारी है।
स्किन के लिए है फायदेमंद
बेल के फल में 70% से अधिक मॉइश्चर होता है। यह हमारी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकता है। इससे स्किन की इलास्टिसिटी बरकरार रहती है और स्किन ड्राय नहीं होती है। बेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो इरिटेटेड स्किन से राहत दिलाते हैं। यह मुंहासे, एक्जिमा और डर्मेटाइटिस जैसी कंडीशंस में भी फायदेमंद होता है।
इम्यून सिस्टम मजबूत होता है
बेल विटामिन C से भरपूर होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, विटामिन C शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। साथ ही, इसमें मौजूद फाइबर गट हेल्थ को बेहतर बनाते हैं। बेल के ये दोनों गुण इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।