गर्म हवाएं चलने से मौसम का मिजाज असहनीय बना हुआ है

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जून माह का पहला सप्ताह गुजरने के बाद भी गर्मी व उमस से आमजन को कोई राहत नहीं मिल पा रही है। अब दिन के साथ-साथ रात का तापमान भी 33 डिग्री बने रहने से गर्म हवाओं का असर दिखाई दे रहा है।

हालांकि पहले कहा जा रहा था कि जून के पहले सप्ताह में बूंदाबांदी से लोगों को गर्मी से कुछ निजात मिल सकती है लेकिन अभी तक जिले में कहीं भी बारिश ना होने से मौसम का मिजाज असहनीय बना हुआ है।

बाजारों में हर तरफ पसरा सन्नाटा

दादरी जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान 44 व न्यूनतम 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह से गर्म हवाएं चलने के साथ साथ भारी उमस के चलते आमजन को खासी परेशानियों से गुजरना पड़ा। बाजारों में प्रतिकूल मौसम के चलते कारोबार, व्यापार, कामधंधों पर असर दिखाई दिया।

सुबह, शाम नगर के बाजारों में खरीददार दिखाई दिए। लेकिन दोपहर 11 बजे से शाम पांच बजे तक हर तरफ सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। जानकारों का कहना है कि अगले तीन-चार रोज तक दिन व रात के तापमान में कमी आने के आसार नहीं हैं। इसके बाद जिले में संभावित बूंदाबांदी व वर्षा से कुछ राहत मिल सकती है।

भीषण गर्मी में बढ़ी शीतल पेयजल पदार्थों की मांग

मौसम के मिजाज के मुताबिक इन दिनों दादरी नगर के बाजारों में कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम, कुल्फा, गन्ने के जूस, फलों के जूस इत्यादि की मांग बढ़ी हुई है। इसके अलावा कई स्थानों पर ठंडाई, बेलगिरी, नींबू पानी की स्टालों पर भी भीड़ देखी जा सकती है।

नगर के लाला लाजपत राय चौक, मेन बाजार, हीरा चौक, रोज गार्डन के बाहर इत्यादि स्थानों पर तो रात्रि 10 बजे तक खाने पीने के व्यंजनों, शीतल पेयजल पदार्थों की स्टालों पर भीड़ देखी जा सकती है।

अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की भीड़

गर्मी से राहत ना मिलने से दादरी जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मौसम से जुड़ी बीमारियों से प्रभावित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। स्थानीय जिला नागरिक अस्पताल, निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या को देखकर स्थिति की गंभीरता का अनुमान लगाया जा सकता है।

इनमें अधिकतर मरीज डायरिया, उल्टी, दस्त, बुखार, जुकाम इत्यादि से प्रभावित बताए जा रहे हैं। स्थानीय चिकित्सक मेजर डा. योगेंद्र देशवाल ने कहा कि इन दिनों खाने पीने के सामान के सेवन के प्रति सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है।

शरीर में पानी की कमी ना होने दें तथा अधिक से अधिक तरल पदार्थों का इस्तेमाल करें। छोटे बच्चों, बुजुर्गों व पहले से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से प्रभावित मरीजों के प्रति ओर भी अधिक सजगता बरतनी चाहिए।