चिराग पासवान का पलटवार, पश्चिम बंगाल की सीएम के व्यहवार को ठहराया गलत

नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल (शासी परिषद) की बैठक 27 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कुछ गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया। इस पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस तरह से बजट बनाया गया, नीति आयोग भी उसके अनुसार काम करेगा। बता दें कि विपक्षी गठबंधन की तरफ से केवल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल हुईं, लेकिन वह बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर आ गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया गया। ममता बनर्जी के आरोप पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बंगाल की सीएम के व्यवहार को गलत बताया। चिराग पासवान ने ममता बनर्जी के इस आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “नीति आयोग की बैठक में किसी का भी माइक बंद करने का आरोप झूठ है। जिस तरह से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर चली गईं, वह गलत था। ऐसा प्रतीत होता है कि यह विपक्ष में अराजकता और अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करने की सोची समझी रणनीति थी। अगर किसी भी राज्य को ऐसा लगता है कि उनके साथ गलत हुआ है, तो वे नीति आयोग में अपने मुद्दे उठा सकते हैं।” नीति आयोग की बैठक में कई नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया। इस पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “जिस तरह से बजट बनाया गया, नीति आयोग भी उसके अनुसार ही काम करेगा। केवल भाजपा शासित राज्यों को पैसा और योजनाओं का लाभ दिया गया है। इसलिए एमके स्टालिन (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री), तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया।” संजय राउत ने आगे कहा कि ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल हुईं, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया। पश्चिम बंगाल की सीएम का अपमान किया गया। उनका माइक स्विचऑफ था। यह लोकतंत्र के अनुकूल नहीं है।