चीन ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने का आह्वान किया

चीन ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान से क्षेत्र में “शांति और स्थिरता के व्यापक हित” में अधिकतम संयम बरतने का आह्वान किया।

चीन के विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय आया है जब बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।

बयान में कहा गया, “हम मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे। वे दोनों चीन के भी पड़ोसी हैं।”

पहलगाम आतंकवादी हमले का स्पष्ट संदर्भ देते हुए इसमें कहा गया, “चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है।”

इसमें कहा गया, “हम दोनों पक्षों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में कार्य करने, शांत रहने, संयम बरतने तथा ऐसी कार्रवाई करने से बचने का आग्रह करते हैं, जो स्थिति को और जटिल बना सकती है।”

बयान में कहा गया, “चीन को आज सुबह भारत की सैन्य कार्रवाई खेदजनक लगती है।”

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद से, पाकिस्तान के “अडिग सहयोगी” चीन ने इसकी निंदा करते हुए संयम बरतने तथा हमले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग की है।

पिछले कुछ दिनों में दोनों देशों ने कूटनीतिक संपर्क भी बढ़ाया है।

जबकि, पाकिस्तानी उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार ने 27 अप्रैल को चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से फोन पर बात कर उन्हें जानकारी दी, वहीं पाकिस्तान में चीनी राजदूत जियांग जैदोंग ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की।

डार के साथ अपनी बातचीत में वांग ने कहा कि चीन घटनाक्रम पर करीब से नज़र रख रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ना पूरी दुनिया की साझा ज़िम्मेदारी है और चीन जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच का समर्थन करता है, क्योंकि यह संघर्ष भारत या पाकिस्तान के बुनियादी हितों की पूर्ति नहीं करता है और न ही यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान देता है।

वांग ने कहा, “एक मजबूत मित्र और हर परिस्थिति में रणनीतिक सहयोगी साझेदार के रूप में चीन पाकिस्तान की वैध सुरक्षा चिंताओं को पूरी तरह समझता है और उसकी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने में उसका समर्थन करता है।”

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद तनाव ऐसे समय में बढ़ा है, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की विजय की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए बुधवार को चार दिवसीय यात्रा पर रूस के लिए रवाना होने वाले हैं।

शी जिनपिंग रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी बातचीत करेंगे, जिनके साथ उनके घनिष्ठ व्यक्तिगत मित्रता है।