बता दें कि सेना प्रमुख मनोज पांडे ने भारत का रुख किया स्पष्ट पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा के हालात को स्थिर और संवेदनशील करार देते हुए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने दो टूक कहा है कि जब तक एलएसी पर अप्रैल 2020 की यथास्थिति वापस बहाल नहीं हो जाती तब तक सीमा से सैनिकों की मौजूदा तैनाती नहीं घटायी जाएगी। साथ ही इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद ही सैनिकों को हटाने के बारे में कोई विचार होगा। सीमा की चुनौतियों के मद्देनजर सेना हाई ऑपरेशनल मोड में ही बनी रहेगी। चीन और भूटान के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रही बातचीत प्रक्रिया पर भी भारतीय सेना की नजरें हैं और सेना प्रमुख ने स्पष्ट कहा कि भारत और भूटान के न केवल विशिष्ट संबंध हैं बल्कि साझा सुरक्षा चुनौतियां भी हैं।
जानकारी के अनुसार पूंछ-राजौरी इलाके में बढ़ी आतंकी घटनाओं के लिए आतंकवाद को समर्थन जारी रखने की पाकिस्तान की नीति को इंगित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हिंसा की घटनाओं में कमी आयी है मगर आतंकवाद को सीमा पार से जारी समर्थन के कारण राजौरी-पूंछ इलाके में हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं।
इसके साथ ही म्यांमार में जारी आंतरिक उथल-पुथल के कारण सीमा की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि मिजोरम और मणिपुर में शरणार्थियों के आने की चुनौती से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सेना दिवस से पूर्व अपनी सालाना प्रेस कांफ्रेंस में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भारत-चीन सीमा गतिरोध से जुड़े सवालों पर कहा कि सैन्य मेकेनिज्म के तहत कई स्तरों पर बातचीत जारी है। साथ ही कूटनीतिक लेवल पर भी बातचीत की एक स्थापित प्रक्रिया है और यह अच्छा मेकेनिज्म है। गतिरोध का हल निकालने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
चीन को लेकर मनोज पांडे ने स्पष्ट किया रुख
चीन से मौजूदा गतिरोध के मद्देनजर पूर्वी लद्दाख में सीमा पर अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करने को लेकर भारतीय सेना का रूख पूछे जाने पर जनरल पांडे ने कहा कि हमारा प्रयास 2020 के मध्य में मौजूद यथास्थिति पर वापस जाने के लिए बातचीत जारी रखना है। एक बार ऐसा हो जाए तो हम सैनिकों की कटौती के बड़े मुद्दे पर विचार कर सकते हैं। लेकिन यह (यथास्थिति) हासिल करने का पहला लक्ष्य है। तब तक सीमा पर तैनाती के लिए जितने सैनिकों की जरूरत उसकी तैनाती करना जारी रखेंगे। एक बार पहला लक्ष्य हासिल हो जाए तो हम अन्य मुद्दों पर विचार कर सकते हैं।
सीमा विवाद समाधान के लिए भूटान-चीन के बीच जारी वार्ता के संबंध में उनका कहना था कि सेना की इस पर इसलिए भी नजर है कि भारत के भूटान से विशिष्ट संबंध में आपसी रक्षा-सुरक्षा के रिश्ते भी जुड़े हैं और हम भूटान के मित्रों से लगातार पारदर्शी तरीके से बातचीत कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में हिंसा में कमी आने की चर्चा करते हुए सेना प्रमुख ने स्वीकार किया कि राजौरी-पूंछ के इलाके में 2003 में आंतकवाद का लगभग सफाया हो जाने के उपरांत इस इलाके में आतंकी घटनाओं का नया दौर शुरू हुआ है। खासकर 2017-18 के बाद इस क्षेत्र में आतंकी हिंसा में बढ़ोतरी हुई है और पिछले तीन साल में 45 आतंकवादी इस क्षेत्र में मारे गए हैं।