हिमाचल प्रदेश में हुए छात्रवृत्ति घोटाला (Scholarship Scam) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें ईडी (Enforcement Directorate) ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस घोटाले में सीबीआई (CBI) भी केस दर्ज कर चुकी है.
ईडी की जांच के अनुसार, राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार ने मैसर्स एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप एंड स्किल डेवलपमेंट सोसायटी के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश करके अनुसूचित जाति, जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति घोटाला किया.
केसी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी ने भी छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे किए और शिक्षा विभाग के तत्कालीन अफसर अरविंद राजटा की तरफ से इन दावों को सत्यापित किया. हितेश गांधी ने विद्यार्थियों के बैंक खातों में वितरित छात्रवृत्ति को केसी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट के बैंक खातों में ट्रांसफर किया था.
ईडी ने 31 अगस्त को चार राज्यों में 24 स्थानों पर रेड की थी और कुल मिलाकर 4.42 करोड़ रुपये की कुर्की की थी. इस जांच के दौरान पता चला है कि करीब 28 निजी संस्थान छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त हैं. यह घोटाला 2013 से 2019 के बीच किया गया था.
जानकारी के अनुसार, यह एक बड़ा छात्रवृत्ति घोटाला है और इसमें बैंक खातों में भी धन की अघोषित जमा जी गई है. ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां इस घोटाले की जांच कर रही हैं ताकि आरोपियों को सजा मिल सके. ये भी पढ़ें एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर कमेटी गठित, अमित शाह सहित 8 सदस्य शामिल