छोटी मछलियों के बाद अब नशे के कारोबार में शामिल ‘जरनैलों’ की बारी: मुख्यमंत्री

* आने वाले दिनों में एक और बड़ी मछली की होगी गिरफ्तारी

* मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई ने नशे से संबंधित राजनीतिक दलों के गंदे गठजोड़ को उजागर किया

* राजनीतिक बदले की कोई बात नहीं, क्योंकि नशा तस्करों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं

चंडीगढ़, 26 जून

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि छोटे नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब इस कारोबार में शामिल बड़े तस्करों की बारी है और उन्हें इस कारोबार में अपनी संलिप्तता के परिणाम भुगतने होंगे।
अपने आधिकारिक आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने नशे और इस काले कारोबार में शामिल या संरक्षण देने वाले प्रभावशाली व्यक्तियों के प्रति अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। उन्होंने कहा कि छोटे तस्कर केवल डिस्ट्रीब्यूटर की तरह काम करते हैं, जबकि पूरा नेटवर्क चलाने वाले बड़े तस्कर लंबे समय से जवाबदेही से बचते रहे हैं। अब इन बड़े तस्करों की बारी है। भगवंत सिंह मान ने दृढ़ता से कहा, “इस धंधे में शामिल कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही छोटे-छोटे इलाकों में काम करने वाले तस्करों को जेलों में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने इस घिनौने कारोबार में शामिल सभी तस्करों को जेल में डालने की गारंटी दी थी। अब यह वादा पूरा हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा कार्रवाई ने नशे के काले धंधे की कमर तोड़ दी है।

भगवंत सिंह मान ने खुलासा किया कि गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा किए गए हैं, जिनमें हवाला कारोबार का रिकॉर्ड शामिल है, और यह इन कारोबारियों के ताबूत में आखिरी कील है। उन्होंने वादा किया कि यह नजीर बनने वाली कार्रवाई दूसरों को भी इस धंधे में आने से रोकेगी। उन्होंने सभी दोषियों को न्याय के दायरे में लाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

मुख्यमंत्री ने राज्य में चल रहे ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ की सफलता के बारे में बताया और कहा कि कई तस्कर पंजाब छोड़कर भाग गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान अब व्यापक जन समर्थन के साथ जन आंदोलन बन गया है। मुख्यमंत्री ने नशे की बुराई के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए गांवों की पंचायतों की सराहना करते हुए इसे पंजाब में नशे के खतरे को खत्म करने के लिए रचनात्मक कदम बताया। अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि विभिन्न पार्टियों के नेताओं द्वारा मजीठिया के पक्ष में बयान देने से नशा तस्करों को संरक्षण देने वाला राजनीतिक गठजोड़ उजागर हुआ है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मजीठिया के घर से 29 मोबाइल फोन, आठ लैपटॉप और अन्य महत्वपूर्ण सबूत बरामद हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस गिरफ्तारी ने नशे के मुद्दे पर पारंपरिक राजनीतिक दलों के गंदे गठजोड़ का पर्दाफाश किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इनकी गतिविधियों ने पंजाब को तबाह कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस कारोबार में शामिल अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी या ढहाई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के कारोबार में आए पैसे की पूरी श्रृंखला से संबंधित हर कड़ी की गहन जांच होगी। जिन्होंने इस काले कारोबार से बड़ी-बड़ी संपत्तियां बनाई हैं, उन्हें जवाबदेह बनाया जाएगा। राजनीतिक बदले के आरोपों को खारिज करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि हर कार्रवाई कानून के मुताबिक की गई है।

मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि जब पंजाब के लोगों ने विपक्ष को पूरी तरह नकार दिया है, तो यह राजनीतिक बदला कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि विपक्ष अपने बचाव के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसी सभी कोशिशें बेकार जाएंगी क्योंकि राज्य के लोग इन नेताओं के दागी चरित्र से अच्छी तरह वाकिफ हैं।