मध्य प्रदेश के जबलपुर में आगामी नवरात्रि पर्व को लेकर विवाद शुरू हो गया है। विश्व हिन्दू परिषद ने गरबा पंडालों में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है।
इसके लिए सभी पंडालों के बाहर बायोमेट्रिक मशीन लगाने की भी मांग की गई है। इसी के साथ बताया है कि पंडाल में यदि कोई गैर हिन्दू प्रवेश करता है तो उसकी गंगा जल से शुद्धि कराई जाएगी. उसे तिलक लगाया जाएगा और उससे रास भी कराया जाएगा।
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने बताया कि गरबा पंडालों में बड़ी संख्या में हिन्दू माताएं बहनें आती हैं। ऐसे में गैर हिन्दू आकर आपत्तिजनक हरकते करते हैं। इससे व्यवस्था प्रभावित होती है। इन्हें रोकने के लिए यह उपाय करना बहुत जरूरी है।
15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं. इसे देखते हुए सैकड़ों की संख्या में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे.और एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांग राखी।
वहीं, उप पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत मौर्य ने बताया कि जबलपुर को संस्कारधानी कहा जाता है। यहां सभी त्यौहार सौहार्द्र के साथ मनाए जाते हैं।
पुलिस प्रशासन भी नवरात्र पर्व को भव्यता और शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने की कवायद में जुटा है। पर्व को शांतिपूर्ण संपन्न करने के लिए पुलिस हर चुनौती से लड़ने के लिए तैयार है।
विवादित मांग पर विपक्ष ने उठाया सवाल
विश्व हिन्दू परिषद की मांग पर विपक्ष ने सवाल उठाया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि यह मांग सांप्रदायिक है। इससे शहर में अशांति फैलने की आशंका है। सरकार को इस मांग पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।
कानून के अनुसार गैर कानूनी है
कानून के जानकारों का कहना है कि गरबा पंडालों में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक लगाना गैर कानूनी है। संविधान में सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए गए हैं। किसी भी नागरिक को धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है।