डोडा: जम्मू के डोडा जिले में प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 163 के तहत अभद्र भाषा और आपत्तिजनक सार्वजनिक बयानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
आदेश के अनुसार, जिसकी एक प्रति कश्मीर बुलेटिन (केबी) के पास है, जिला प्रशासन ने व्यक्तियों, सामुदायिक प्रतिनिधियों और सार्वजनिक हस्तियों द्वारा सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर नफरत भरे भाषणों, भड़काऊ टिप्पणियों और गैर-जिम्मेदाराना बयानों में वृद्धि देखी है।
आदेश में कहा गया है कि इन कार्यों से सांप्रदायिक तनाव भड़कने, हिंसा भड़कने तथा सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील डोडा क्षेत्र में शांति भंग होने की आशंका है।
प्रशासन ने कहा कि इस तरह के व्यवहार से न केवल सांप्रदायिक सद्भाव को खतरा है, बल्कि शहीदों के परिवारों की भावनाएं भी आहत होती हैं और इससे कानून-व्यवस्था से जुड़ी व्यापक समस्याएं पैदा होने का खतरा है।
प्रशासन ने यह भी पाया है कि कुछ व्यक्ति बिना पूर्व अनुमति के सार्वजनिक बैठकें, रैलियां और जुलूस आयोजित कर रहे हैं, जिससे दैनिक जीवन और यातायात में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है तथा सुरक्षा संबंधी उल्लंघन की संभावना बढ़ रही है।
इसमें कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति, डिजिटल प्लेटफॉर्म, संगठन या सामुदायिक प्रतिनिधि सार्वजनिक स्थानों, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा, आपत्तिजनक टिप्पणी या गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देगा, प्रकाशित या प्रसारित नहीं करेगा।” इसमें यह भी कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या समूह किसी भी प्रकार के संचार के माध्यम से समुदायों, धार्मिक समूहों या सामाजिक वर्गों के बीच हिंसा, घृणा या दुश्मनी भड़काने वाले कार्यों में शामिल नहीं होगा या उन्हें प्रोत्साहित नहीं करेगा।
इस आदेश का उद्देश्य सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना और जिले भर में शांति सुनिश्चित करना है।
डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इस आदेश का अक्षरशः तथा भावना से सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
चूंकि आदेश की व्यक्तिगत सेवा संभव नहीं है, इसलिए इसे आम जनता की जानकारी के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। यह आदेश एकपक्षीय रूप से जारी किया जा रहा है।
यह जारी होने की तिथि से दो महीने की अवधि तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि इसे पहले रद्द न कर दिया जाए।