जम्मू-कश्मीर में पहली बार होंगे 90 सीटों पर चुनाव, रिफ्यूजियों,गोरखा और वाल्मिकी समाज पहली बार डालेंगे वोट

जम्मू-कश्मीर में पहली बार होंगे 90 सीटों पर चुनाव

रिफ्यूजियों,गोरखा और वाल्मिकी समाज पहली बार डालेंगे वोट

अधिवास पत्र प्राप्त बाहरी बाशिंदे पहली बार डालेंगे वोट

पहली बार एसटी समुदाय को 9 सीटों पर मिलेगा आरक्षण

विधानसभा में मनोनीत सदस्यों की तादाद पांच होगी

पहले सिर्फ दो महिलाओं को मनोनीत करने का प्रावधान था

विधानसभा में मनोनीत महिलाओं की संख्या तीन होगी

पीओजेके रिफ्यूजी का एक सदस्यों होगा मनोनीत

विस्थापित पीओजेके सदस्यों को भी मिलेगी नुमाइंदगी

जम्मू

विनोद कुमार

जम्मू-कश्मीर में विधान सभा का कार्यकाल पांच साल का होगा इस से पहले विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का हुआ करता था। पहली बार वेस्ट पाक रिफ्यूजियों, गोरखा बिरादरी और वाल्मिकी समाज को वोट डाल सकेंगे। इससे पहले 35ए और 370 के चलते वेस्ट पाक रिफ्यूजियों, गोरखा बिरादरी और वाल्मिकी समाज को वोट डालने का अधिकार नहीं था। वेस्ट पाक रिफ्यूजियों को सिर्फ और सिर्फ लोक सभा चुनाव में ही वोट का अधिकार था। लखनपुर से पार बसने वाले वेस्ट पाक रिफ्यूजियों को देश का प्रधानमंत्री बनने तक का मौका मिला था। पांच अगस्त 2019 को जब 370 में संशोधन और 35ए को हटाने के बाद मताधिकार का अवसर मिला है। पहली बार अन्य राज्यों के बाशिदों को जम्मू-कश्मीर में अपना वोट डालने का मौका मिलेगा। पहली बार अधिवास पत्र पाने वालो बाहरी राज्यों को लोगों को भी मताधिकार का मौका मिलेगा।

पहली बार गुज्जर बकरवाल और पहाड़ी जनजातीय समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। कुल विधानसभा सभा हलकों में से एसटी के लिये नौ सीटे आरक्षित है। 2014 में विधानसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा था। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की कुल 87 विधानसभा सीटे थी। पांच अगस्त 2019 के बाद रियासत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग यूटी में बदल गई। निर्वाचन क्षेत्र की हदबंदी की रिपोर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर में अब विधान सभा की 90 सीटे हो गई है। जम्मू संभाग के हिस्सें 43 और कुल मिलाकर पहली बार जम्मू-कश्मीर में 90 सीटो में मतदान होगा। जिस में 74 ओपन, 7 सीटें एससी और 9 सीटों एसटी के लिये आरक्षित है। पहली बार जम्मू-कश्मीर विधान सभा में पांच मनोनीत सदस्य होंगें। हदबंदी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि कश्मीरी विस्थापितोे के लिये दो सीटे मनोनीत की जाएंगी, जिसमें से एक महिला का होना अनिवार्य है। इस के अलावा पीओजेके रिफ्यूजियों के लिये भी एक सीट मनोनीत करने का प्रावधान है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहले ही दो महिलाओं को मनोनीत करने का प्रावधान है। पहली बार जम्मू-कश्मीर में तीन महिलाओं को मनोनीत किया जाएगा।